आज से हुयी पितृपक्ष की शुरुवात, पितरों के पिंडदान से मिलती है सुख समृद्धि 

आज से हुयी पितृपक्ष की शुरुवात, पितरों के पिंडदान से मिलती है सुख समृद्धि 

वाराणसी। 1 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध से पितृ पक्ष का आरंभ हो रहा है। जीवन में पितरों का आर्शीवाद बहुत जरूरी होता है। 

पितृ पक्ष यानि पितरों का पक्ष जब इनकी आत्मिक शांति के लिए तिल, जल से तर्पण और पिंडदान किया जाता है। 

भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या एक पखवारे तक होने वाले इस पर्व की शुरुआत इस वर्ष पूर्णिमा से शुरू हो गई है। 

पितृ पक्ष 17 सितम्बर तक रहेगा और इन 15  दिनों तक लगातार वाराणसी के पिशाच मोचन कुण्ड पर देश के कोने कोने से लोग आकर अपने पूर्वजो के लिए पिंड दान करेंगे।

मान्यता है कि जो पूर्वज मृत्यु को प्राप्त हो चुके होते है, उनको पितृपक्ष में काला तिल और जल का दान दिया जाता है। पितृ पक्ष 15 दिनों का होता है। तिथि में उद्या (उदय) होने की वजह से पितृकर्म तो शुरू हो चुका है।

इस पखवारे में हर इन्सान अपने पुरखो यानि पितृरों की आत्मिक शांति के लिए तिल और जल से तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं।

मोक्ष की नगरी काशी में स्थित पिशाच मोचन कुंड पर पितृ पक्ष के दिनों अपने पूर्वजो के लिए पिंड दान किया जाता है। साथ ही में यहाँ उन मृत आत्माओ के लिए भी श्राद्ध होता है जिनकी अकाल मृत्यु हुयी होती है। 

एक पखवारे तक पितरो को तिल जल से तर्पण और पिंडदान के बाद अंतिम अमावस्या पर में अनाज, दक्षिणा की पोटली बनाकर दरवाजे पर रखा जाता है और पितरो से प्रस्थान के लिए आग्रह कर आशीर्वाद मांगा जाता है। 

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Vikas Srivastava

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