कैसे होगी निर्बाध बिजली की आपूर्ति जब 90 फीसदी बिजली के तारो का हाल है बेहाल
जौनपुर: सरकार चाहे जितने वादे कर ले पर हर साल गर्मी के नज़दीक आते ही बिजली आपूर्ति की व्यवस्था चरमराने लगती है। जिले के अधिकतर इलाको में पुराने जर्जर तार टूट के गिरते रहते है और बिजली आपूर्ति बाधित होती रहती है। इन्ही तारो के वजह से फसलों के जलने जैसी घटनाये आयेदिन होती रहती है।
जिले में बिजली के लगभग चार लाख उपभोक्ता है, पर बिजली विभाग के पास समय नहीं है कि वह इन तीन दशक पुराने तारो का नवनीकरण करे। इसके चलते अक्सर कही न कही फाल्ट आते रहते है। इसी वजह से शायद ही किसी दिन शायद ही शेड्यूल के मुताबिक आपूर्ति हो पाती है।
औसतन हर इलाके में तय शेड्यूल से दो से तीन घंटे कम बिजली की आपूर्ति होती है। शहर में 24 घंटे, ग्रामीण में 18 घंटे और तहसील में 20 घंटे आपूर्ति करने का शेड्यूल है, लेकिन शहर क्षेत्र में 20 से 22 घंटे, गांवों में 14 से 15 और तहसील मुख्यालयों पर 17 से 18 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिल पाती है।
अभीतक बिजली के जर्जर तारो को बदलने के लिए कोई योजना संचालित नहीं है, और अभीतक मात्र 10 फीसदी जर्जर तारो को बदला गया है। हर इस बार भी अधिकारियो का दावा है गर्मी की तैयारियां शुरू कर दी गयी है कार्यशाला में ट्रांसफार्मरों स्टॉक रखा गया है ट्रांसफार्मर बदलने के लिए वाहनो की भी व्यवस्था कि जा रही है और बाकी के तारो के भी नवनीकरण का कार्य जल्द पूरा कर लिया जायेगा।
अब देखना है बिजली विभाग के अधिकारी जो बाते कह रहे है, उसपे कितना अमल कर पाते है और कही सारे वादे सिर्फ हवाइया साबित होकर ना रह जाये। जिसके कारण जनता को एकबार फिर से गर्मी में बिजली आपूर्ति के संकट का सामना ना करना पड़े।