पोक्सो एक्ट में बड़ा बदलाव, महिला दुष्कर्म पर दस साल सजा बिना अग्रिम जमानत
प्रधानमंत्री मंत्री आवास पर बच्चों के साथ हुए यौन दुर्व्यवहार मामलों में संशोधन के लिए क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 2018 कैबिनेट में पास हो गया है। करीब तीन घंटे चली मीटिंग में मुख्तार अब्बास नकवी, उमा भारती और स्मृति ईरानी, पियूष गोयल, जे पी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, डॉक्टर हर्षवर्धन भी उपस्थित रहे। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक प्रधानमंत्री आवास पर बुलाई गई थी। इस बैठक में पोस्को एक्ट में संशोधन और अध्यादेश लाने पर मंथन किया गया। पोस्को एक्ट में संशोधन के जरिए 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप पर अधिकतम मौत की सजा करने पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की गई। इस बैठक में फ्युजिटिव अफेंडर्स बिल 2018 पर भी अध्यादेश के रूप में चर्चा की गई।
पॉस्को (यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा) एक्ट के तहत निम्न बदलाव –
– बारह साल तक की लड़की से साथ पाए गए दोषी को मौत की सजा।
– बारह से सोलह साल की लड़की के साथ गैंग रेप में पाए गये दोषी को उम्रकैद की सजा।
– सोलह साल से छोटी लड़की से बलात्कार में पाए गये दोषियों को कम से कम बीस साल की सजा।
– किसी भी बलात्कार केस की सुनवाई में 6 महीने के अन्दर फैसला सुनना जरुरी।
– बलात्कार केस की जाच 60 दिन के भीतर पूरी करनी होगी।
– अग्रिम जमानत का प्रावधान नही।
– महिला से बलात्कार पर सजा दस साल जो की पहले सात साल थी।
सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए सरकार ने बताया था कि वह पाॉक्सो एक्ट में संशोधन की तैयारी कर रही है। इस एक्ट में बदलाव के बाद 0-12 साल की बच्चियों के साथ रेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल निर्धारित की गई है। जानकारी के अनुसार, पाॅक्सो एक्ट में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वह बच्चियों के साथ रेप के बढ़ते मामले को रोकने के लिए कानून में किस तरह का बदलाव कर रहे हैं। इस पर सरकार ने बताया था कि पाॅक्सो एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इस संशोधन के बाद 12 साल तक की बच्चियों के साथ रेप और अपराध के मामले में अब मौत की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।