पीएम के संसदीय क्षेत्र में व्यापारी नेता ने राष्ट्रपति से लगाई इक्षा मृत्यु की गुहार
प्रशासनिक उत्पीड़न और गुंडा टैक्स से परेशान है होकर आज व्यापारी नेता अमीर चंद पटेल ने राष्ट्रपति इक्षा मृत्यु की गुहार लगते हुए अपनी व्यथा को व्यक्त किया।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम शहर के सारनाथ इलाके में बुलडोजर के साथ बिना ले-आउट स्वीकृत किये बनाई जा रही कालोनियों में पहुंची, जहाँ पर नियमो का हवाला देते हुए अमीरचंद पटेल द्वारा किये जा रहे प्लाटिंग पर बुलडोजर चलाये गयें जिसके बाद अमीरचंद पटेल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कहा था।
इसी बीच अपने कई वर्षो से व्यवसायिक प्रतिद्वंदी कृष्णकांत मिश्र और विनोद गुप्ता द्वारा लगातार फर्जी मुकदमा करके परेशान और अपराधियों द्वारा गुंडा टैक्स के नाम पे जान से मारने की धमकी देने के सन्दर्भ में आहत अमीरचंद पटेल ने एक प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिये अपनी व्यथा बताते हुए देश के राष्ट्रपति से इक्षा मृत्यु की गुहार लगाया।
अमीरचंद पटेल ने अपनी पत्नी और ससुर की हत्या के आरोप में नामजद कृष्णकांत मिश्र और विनोद गुप्ता के ऊपर कोई कार्यवाही न होने के सन्दर्भ में कहा कि लगातार प्रताड़ित करने के बावजूद इन दोनों लोगो पे कोई कार्यवाही नही होती क्योंकि ये लोग धन के बल पर अधिकारीयों और प्रसाशन को गुमराह करके मेरे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कराते हैं।
वीडीए द्वारा कि गयी कार्यवाई के सन्दर्भ में अमीरचंद ने कहा कि ‘मैं सपा से जुड़ा हूँ और पिछेल कई वर्षों से मुझे कभी भू-माफिया तो कभी कॉलोनाइजर बताया जाता है, जबकि मैं कॉलोनाइजर नही हूँ, मेरी फर्म साक्षी इंफ्रासिटी सिर्फ क्रय-विक्रय का काम करती है, हमारी फर्म सिर्फ ब्रोकरी (आम भाषा में दलाली) का काम करती है जिसका शुद्ध रूप से सरकार को टैक्स दिया जाता है। विगत कई वर्षों से मेरे विरोधियों द्वारा अपराधियो से कहकर गुंडा टैक्स मंगवाया जाता है, तो कभी मुझे और मेरे बच्चे को जान से मारने की धमकी दी जाती है। जब इन बातों में वे सफल नही होते तो कुछ मीडिया के लोगो द्वारा पैसे का प्रलोभन देकर अधिकारियों को गुमराह करने का काम किया गया।’
अमीरचंद पटेल ने देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से अनुरोध करते हुए कहा कि यदि मेरी या मेरी परिवार में किसी की हत्या होती है तो उसका ज़िम्मेदार कृष्णकांत मिश्र और विनोद गुप्ता होंगे, अब या तो इस पुरे मामले में निष्पक्ष जांच करवाके मुझे न्याय दिलाएं नही तो मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति दें।