काशी की झोली में गिरी एक और उपलब्धि
पौरोणिक नगरी काशी एक बार फिर से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है और भला हो भी क्यों ना कलाकारों ने महान उपलब्धिया जो हासिल कर ली है।
जी हां सही सुना आपने बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय के प्रो. के शशि कुमार को जहा एक ओर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला वही बनारस घराने के बांसुरी वादक डॉ. अतुल शंकर को भारत गौरव रत्न सम्मान से नवाजा गया है।
हम आपको बताते चले कि दोनों विभूतियों को यह सम्मान बीते गुरुवार को इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल की ओर से प्रदान किया गया। प्रो. शशि कुमार 25 वर्षों से बीएचयू से जुड़े हुए हैं। यह संगीत एवं मंच कला संकाय के गायन विभाग के हेड है। यह कर्नाटिक शैली के गायक हैं और मूलतः केरल के निवासी है। शशि कुमार ने मद्रास यूनिवर्सिटी से बीम्यूज एवं एमम्यूज की पढ़ाई की। इन्होंने बीएचयू से ही पीएचडी पूरी की। इन्होंने कर्नाटिक शैली का गायन श्री पीजीवी रमनन से सीखा।
प्रो.शशि कुमार को यह सम्मान गायन के क्षेत्र में उनके तीस साल के योगदान के लिए प्रदान किया गया। इन्होंने दूरदर्शन के लिए तीन नृत्य नाटिकाओं में अपनी शानदार आवाज दी वा कई मलयाली और तमिल फिल्मों में भी अपनी आवाज की छठा बिखेरी और सिर्फ इतना ही नहीं इन्होंने विदेशों में भी कई शानदार प्रस्तुतियां दी हैं।
वही दूसरी तरफ बनारस घराने के बांसुरी वादक डॉ.अतुल शंकर जिनको की भारत गौरव रत्न सम्मान से नवाजा गया इन्होंने वादन की शिक्षा अपने दादाजी पंडित राम खेलावत व नानाजी पंडित भोलानाथ प्रसन्नजी से प्राप्त की सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इन्होंने संगीत की शिक्षा अपने पिता पंडित रमा शंकर और मां रीता शंकर से ग्रहण की।
इससे पूर्व इनको यूपी गौरव, कला रत्न से भी सम्मान सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने बीएचयू से डॉ. प्रह्लाद नाथ की अध्यक्षता में पीएचडी की। गंगा महोत्सव,संकट मोचन महोत्सव, गया महोत्सव, कबीरा फेस्टिवल में भी इन्होंने अपनी प्रस्तुतियां दी साथ ही साथ इटली, लंदन, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर समेत विदेश के कई शहरों में अपनी बांसुरी की तान छेड़ कर लोगो का मन मोह लिया।