उत्तर प्रदेश में अमित शाह का सपा-बसपा पर निशाना, खूब उछाला मंदिर का मुद्दा 

उत्तर प्रदेश में अमित शाह का सपा-बसपा पर निशाना, खूब उछाला मंदिर का मुद्दा 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहे।

गृह मंत्री ने पहले मिर्जापुर और फिर वाराणसी का दौरा किया।

मिर्जापुर में अमित शाह ने मां विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास और रोप-वे का लोकार्पण किया।

इसके बाद वे शाम तक वाराणसी पहुंचे। वाराणसी में गृह मंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया।

काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद गृह मंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण को लेकर एक प्रेजेंटेशन देखा।
 
मिर्जापुर में मां विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर परियोजना के शिलान्यास करने के बाद अमित शाह ने एक सभा को सम्बोधित भी किया।

अपने भाषण में उन्होंने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने इस भाषण में धर्म और मंदिर निर्माण का मुद्दा जमकर उछाला। 

अमित शाह ने कहा, “जो पहले शासन में थे, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्यों राम मंदिर का निर्माण नहीं कराया गया? क्यों ब्रज के विकास का कार्यक्रम नहीं हुआ, क्यों चित्रकूट धाम जहां भगवान श्री राम 11 साल से ज्यादा समय रहे, उसके विकास के लिए कुछ नहीं हुआ, क्यों मां विंध्यवासिनी का कॉरिडोर नहीं बना?

शाह ने आरोप लगाया कि ये पार्टियां वोट बैंक की राजनीति से डरते थे।

भाजपा वोट बैंक की राजनीति से नहीं डरती है।

इसलिए उसने इन सभी धार्मिक स्थलों के सुव्यवस्थित विकास को मूर्त रूप दिया है। 
 
उन्होंने कहा कि ब्रज तीर्थ का विकास हो, चित्रकूट धाम हो या अयोध्या में भव्य दीपोत्सव महोत्सव हो, हर परंपरा को भाजपा की योगी सरकार ने पुनर्जीवित करके लोगों की बरसों पुरानी इच्छाओं की पूर्ति की है।

शाह ने कहा कि धार्मिक स्थलों की उपेक्षा को देखकर लोगों के मन में यह टीस उठती थी कि आखिर क्यों हमारी आस्था का सम्मान नहीं होता, क्यों यहां परिक्रमा की सही व्यवस्था नहीं होती, यात्रा क्यों अधूरी रह जाती है?

गौरतलब है कि 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है।

भाजपा पूरी तरह से चुनावी मूड में आ चुकी है।

भाजपा के बड़े नेता अब उत्तर प्रदेश में दौरा करने लगे हैं।

नेता और मंत्री भाजपा सरकार के काम गिना रहे हैं।

लेकिन पूरी कवायद इस बात को लेकर है कि कोरोना प्रबंधन, बेरोजगारी या कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे उभरकर सामने न आएं।

इसके बजाए मंदिर निर्माण के मुद्दे को तूल देने की कोशिश हो रही है।

Vikas Srivastava