असम सरकार ने पेश किया नया कैटल बिल, कांग्रेस ने बताया मुस्लिम विरोधी की संशोधन की मांग
बीते सोमवार को असम के हेमंत सरकार ने प्रदेश में नया कैटल बिल पेश किया है।
असम सरकार द्वारा पेश किये गए इस नए बिल में बीफ की बिक्री पर रोक लगायी गयी है।
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने धर्म का सवाल उठाते हुए इस नए कानून को मुस्लिम विरोधी बताया है।
वहीं हेमंत बिस्वा शर्मा ने इस नए बिल का उद्देश्य हिन्दू, जैन, सिख समुदाय के रहने वाले क्षेत्रों में बीफ की बिक्री को बंद करना बताया है।
साथ ही मंदिर के पांच किलोमीटर के दायरे में बीफ की बिक्री पर रोक लगाना बताया गया है।
असम सरकार द्वारा पेश किये गए इस नए बिल के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा मवेशियों का वध निषेध कर दिया गया है।
इसके अनुमति के लिए किसी विशेष क्षेत्र के पंजीकृत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी आवश्यक प्रमाण पत्र लेना होगा।
वहीं इस बिल के दूसरे नियम के अनुसार गाय के अलावा बाकी मवेशियों की उम्र 14 वर्ष से अधिक होने पर ही अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
किसी गाय बछिया या बछड़े के अपाहिज होने पर उसके वध का आदेश दिया जा सकता है।
साथ ही इस बिल के अनुसार केवल लइसेंस रखे बूचड़खानों को ही मवेशिशियों को काटने की अनुमति होगी।
वहीं यह कानून अधिकारियों को वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने पर मवेशियों के परिवहन पर भी रोक लगाएगा।
हालांकि कृषि उद्देश्यों से किये जाने वाले परिवहन पर कोई रोक नहीं होगी।
वहीं इस कानून को तोड़ने पर 3 साल की कैद या 3 से 5 लाख रूपए तक का जुर्माना या दोनों लग सकता है।
वहीं अपराध के दोहराये जाने पर सजा को दोगुना कर दिया जाएगा।
दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताते हुए बिल में संसोधन की मांग की है।
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