एक बार फिर हुआ बीएचयू में देर रात बवाल पुलिस बूथ और बाइकें फूंकीं गई

एक बार फिर हुआ बीएचयू में देर रात बवाल पुलिस बूथ और बाइकें फूंकीं गई

वाराणसी: सोमवार की देर रात बीएचयू परिसर में एक बार फिर माहौल गर्म हो गया। मरीज के लिए बेड उब्लब्ध न होने की बात सबसे पहले छात्रों ने जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की फिर डॉक्टरों ने छात्रों को पीट दिया। जिस वजह से दोनों ही गुटों में जमकर लड़ाई – झगड़ा हुआ। देर रात फिर से बवाल बढ़ गया तब सभी छात्रों ने इक्ठठा होकर उपद्रव किया। पुलिस बूथ को जला दिया गया जो की एलडी गेस्ट हाउस के निकट था। उसके बाद आगजनी भी हिंदी विभाग के निकट की गयी। इन सबके साथ ही एसबीआई के एटीएम का ताला तोड़कर दो बाइक को भी जला दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं फायरिंग सहित पेट्रोल बम भी चलाए गए। आधा दर्जन से ज्यादा छात्र पथराव में जख्मी हो गए।

लाइट बंद करके हुई तोड़फोड़

बिरला चौराहे पर भी छात्रों द्वारा आगजनी की गई। मौके पर जानकारी मिलते ही नौ थानों की पुलिस फोर्स सहित सीओ भेलूपुर एवं एसडीएम के साथ ही एक कंपनी पीएसी और तीन वज्र वाहन के साथ पहुंच गई और माहौल को शांत कराने का प्रयत्न करने लगी छात्रों द्वारा लाइट बंद करके तोड़फोड़ और गुरिल्ला युद्ध की तरह पथराव करते रहे। जिस वजह से फोर्स आगे बढ़ने में घबराती रही।

छात्रों द्वारा की गयी पिटाई

हम आपको बताते चले कि मेल सर्जरी वार्ड में एक मरीज को भर्ती कराने को लेकर सर सुंदरलाल अस्पताल के छठवें तल पर यह विवाद हुआ था। वार्ड में मौजूद एक जूनियर डॉक्टर से मरीज के साथ आए छात्र ने बेड दिलवाने की बात कही। जिस पर डॉक्टर द्वारा बेड न होने की जानकारी दी गयी, जिस वजह से ही कहा – सुनी प्रारंभ हो गयी। आरोप यह भी है कि जूनियर डॉक्टर की इसी दौरान छात्रों द्वारा पिटाई भी कर दी गयी और वह तोडफोड़ करने लगे।

दोनों गुटों द्वारा हुई कार्रवाई की मांग

इस कारण हड़कंप का माहौल तकरीबन आधे घंटे तक बना रहा। इस दौरान छात्र बाहर आए एवं इसकी शिकायत करने जा वह जा ही रहे थे कि तभी परिसर में मेडिकल छात्रावास के बाहर कुछ लोगों द्वारा उनकी पिटाई कर दी गयी। छात्रो के अनुसार जूनियर डॉक्टर भी मारपीट करने वालों में सम्मलित थे। एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए दोनों गुटों द्वारा कार्रवाई की मांग की गई है।

दोषियों की नहीं हो पाती शिनाख्त

अदूरदर्शिता के कारण बीएचयू प्रशासन की विश्वविद्यालय का माहौल आये दिन खराब होता ही रहता है। वही हर मौके पर ही विश्वविद्यालय प्रशासन कमजोर सा हो जाता है। जिस वजह से न ही दोषियों की शिनाख्त सही से हो पाती है और न ही उन पर कार्रवाई हो पाती है। जब कभी भी परिसर में बवाल होता है, जहां कुछ छात्र ही इसके पीछे होते हैं पर कार्रवाई का अवसर आने पर सबको ही बचा दिया जाता है।

हॉस्टल के सामने हुई छात्र की पिटाई

बताया जाता है कि सर सुंदरलाल अस्पताल में सोमवार देर शाम में जूनियर डॉक्टरों एवं मरीजों के घरवालों के बीच कहासुनी और हाथापाई की घटना के बाद भी माहौल स्थिर होने की तरफ था। बिड़ला हॉस्टल के छात्रों का आरोप है कि इस दौरान प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के साथ चीफ प्रॉक्टर प्रो.रोयाना सिंह ने एक छात्र की पिटाई हॉस्टल के सामने ही कर दी।

पथराव सहित आगजनी की हुई घटना

जिसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड पिटाई के बाद छात्र को अपने साथ ले गया। इन सबके बाद ही माहौल और खराब हो गया साथ ही पथराव सहित आगजनी की घटना भी होने लगी। दूसरी तरफ परिसर के अंदर का माहौल प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने जब नियंत्रण के बहार देखा तो वे घटनास्थल से सुरक्षाकर्मियों के साथ निकल पड़े। जिला पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों में विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये को देखकर काफी आक्रोश व्यापत है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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