जम्मू कश्मीर में भाजपा ने तोड़ा पीडीपी से गठबंधन, आतंकवाद के माहौल में सरकार का रहना मुश्किल
जम्मू कश्मीर से बड़ी राजनीतिक खबर है। भाजपा ने पीडीपी से अपना गठबंधन तोड़ लिया है। भाजपा के जम्मू कश्मीर प्रभारी राम माधव ने इस बात की जानकारी एक प्रेस वार्ता कर दी। उन्होंने बताया कि एक विशेष बैठक के दौरान यह फैसला किया गया है। भाजपा के सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। दोनों दलों के बीच तीन साल पहले गठबंधन हुआ था। भाजपा ने अब राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने की मांग की है। मुफ्ती ने शाम 4 बजे पार्टी की बैठक बुलाई है।
उन्होंने आगे कहा कि अब राज्य में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार चलाना संभव नहीं है। गौरतलब है कि 87 सीटों की जम्मू कश्मीर विधानसभा में भाजपा के पास 25 सीट और पीडीपी के पास 28 सीटें हैं।भाजपा नेता राम माधव ने गठबंधन तोड़ने की वजह के बारे में मंगलवार को कहा की घाटी में आतंकवाद, कट्टरपंथ, हिंसा बढ़ रही है और एेसे माहौल में सरकार में रहना मुश्किल था। जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के बीच सरकार के भेदभाव के कारण भी हम गठबंधन में नहीं रह सकते थे।
माधव ने कहा कि जनता के जनादेश को देखते हुए हमने जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया था लेकिन अब आगे इस सरकार को चलाना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में फ्रीडम ऑफ स्पीच खतरे में है। हाल में वहां एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या कर दी गई। इसके बाद उन्होंने कहा कि केंद्र हमेशा यहां सरकार की मदद करता रहा है। राज्य को 80 करोड़ रुपए का विकास पैकेज भी यिा गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह यहां कई बार आए और हालातों का जायजा लिया लेकिन हालात नहीं सुधर रहे हैं।
इसके साथ ही माधव ने कहा कि हम राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। फिलहाल पीडीपी के प्रवक्ता या घाटी की सीएम महबूबा मुफ्ती ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सौजन्य: दैनिक भास्कर