सरकार लें लें हमारी चल-अचल असंपत्ति, बिजली का बिल जमा करना है: बुनकर

सरकार लें लें हमारी चल-अचल असंपत्ति, बिजली का बिल जमा करना है: बुनकर

वाराणसी। वाराणसी में लगभग 7 लाख बुनकर हैं लेकिन इन दिनों हथकरघा और पावर लूम की आवाज जो काशी की गलियों में से सुनाई देती थी उस पर विराम लग चुका है। फ्लैट रेट बिजली की मांग को लेकर बुनकरों ने मुर्री बंद का ऐलान किया है। 

इस संबंध में बुनकरों का कहना है कि वर्तमान प्रदेश सरकार बुनकरों को बिजली में कोई रियायत नहीं दे रही है, जो रियायत 2006 की प्रदेश सरकार ने हम लोगों को दी थी। 

पहले कोरोनावायरस और अब बिजली की रियायत खत्म होने से हमारा रोजगार पूरी तरीके से ठप हो चुका है।

बुनकरी का कारोबार में जिस तरीके से मंदी की मार हम झेल रहा हैं, आने वाले समय में काशी की बिक्री पूरी तरीके से खत्म हो जाएगी। 

उन्होंने बताया कि यह हुनर हम विरासत में अपने आने वाली पीढ़ी को नहीं दे रहे हैं, क्योंकि इससे घर भी नहीं चल पा रहा है। 

बुनकर महासभा के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम फ्लैट रेट बिजली को लेकर सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है। 

उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों को लेकर विभाग से हमे एरियर भेजे गए है और पैसा न होने की दशा में हम इसे नहीं भर सकते क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से हमारा व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ चुका है। 

उन्होंने कहा कि सराकर हमारी चल अचल सम्पत्ति ले ले ताकि हम बिजली का बिल हम जमा कर सके।

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Vikas Srivastava

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