सीईपीसी करेगा कार्पेट मार्ट के संचालन

सीईपीसी करेगा कार्पेट मार्ट के संचालन

वाराणसी: नवनिर्मित कारपेट एक्सपो मार्ट के संचालन के लिए भदोही में निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है तो इस बात की कयासबाजी कारोबारियों में तेज हो गई कि सशक्त बिडर कौन हो सकता है? इसके संचालन के लिए शासन द्वारा जो शर्तें रखीं हैं, उसमें निर्माता संघ (एकमा) अखिल भारतीय कालीन निविदा में भाग नहीं ले सकेगा।

समूह बनाकर बिड करने का हो रहा है विचार

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) देश में दो कारपेट एक्सपो का आयोजन करने वाली परिषद ने साफ किया है कि वह संचालन के लिए बिड करेगी इस वजह से कुछ कालीन निर्यातक समूह बनाकर बिड करने की सोच रहे हैं। सिद्धनाथ सिंह सीईपीसी के उपाध्यक्ष ने कहा कि एक्सपो मार्ट निर्माण से पूर्व सीईपीसी से किसी प्रकार की राय नहीं ली गई हैं।

कटघरे में खड़ा करने का हुआ प्रयत्न

हम कुछ बेहतर बता सके ऐसा हो सकता था। सीईपीसी के कटघरे में इसको लेकर खड़ा करने का भी प्रयत्न किया गया है, पर फिर भी भदोही कालीन परिक्षेत्र का हम विकास चाहते हैं, इस कारण हम बिड करने जा रहे है इसके संचालन के लिए। उपाध्यक्ष हाजी अब्दुल हाद अंसारी ने कहा कि बिड में एकमा भाग लेगी या नहीं इस बारे में संचालन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तय की गई शर्तों को एकमा पूरा नहीं कर पाती, इस वजह से एकमा के निविदा में भाग लेने का सवाल ही नहीं।

निर्यातकों का एक समूह बिड में लेगा हिस्सा

एकमा के सदस्य समूह बनाकर बिड अवश्य कर सकते हैं उन्होंने इतना तो मुख्य रूप से कहा है। एकमा के पूर्व अध्यक्ष विनय कपूर ने कहा कि कारपेट मार्ट निर्माण से लेकर रबन जाने तक अहम भूमिका निभाने वाले निर्यातकों का एक समूह बिड में हिस्सा लेगा। जबकि अंतिम निर्णय लिया जाना अभी भी बाकी है। साथ ही यह भी बताया कि देश के बाहर कुछ सदस्य निर्यातक हैं। एवं उनके लौटने का भी इंतजार है। कोई भी निर्णय उसके बाद ही लिया जाएगा।

गत सरकार ने बनाया मसौदा

कपूर ने बताया कि 20 साल के लिए लीज पर देने का मसौदा गत सरकार ने बनाया था, परन्तु उसे घटाकर 10 वर्ष कर वर्तमान योगी सरकार ने कर दिया है। 4 – 5 साल किसी भी संचालक को पैर जमाने में लग जाएंगे। थोड़ा वक्त सफलता पूर्वक संचालन के लिए ऐसे में उस मार्ट को चाहिए ही।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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