दिल्ली में आप के साथ लड़ेगा कांग्रेस, सीटों के बंटवारे पर कर रहें हैं चर्चा
भाजपा के खिलाफ कर्नाटक विधानसभा और उसके बाद उपचुनावों में मिली सफलता ने विपक्षी दलों में नई आशा का संचार कर दिया है। गठबंधन की ये बयार अब दिल्ली में भी चल रही है। दिल्ली और हरियाणा में अपना संयुक्त मोर्चा बनाने का प्रयास पिछले लोकसभा चुनाव में सभी सातों सीटें भाजपा के हाथों गंवाने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शुरू किया है। सोचने वाली बात है कि कांग्रेस विरोधी आंदोलन की पृष्ठभूमि में ही आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था। इसके लिए दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है।
बता दें कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पांडे ने कहा कि तालमेल की बातचीत दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच पिछले तीन-चार दिनों से हो रही है। फिलहाल आप दिल्ली में खुद चार सीटें लड़ना चाहती है। और तीन सीटें कांग्रेस को देने को तैयार है। लेकिन कांग्रेस दिल्ली की सात में से पांच सीटें उसे दूसरे राज्यों में लड़ने का अवसर देने के बदले खुद लड़ना चाहता है।
हालिया चुनावों में निर्बल दिखे आप के उम्मीदवार को बृहस्पतिवार को आए उपचुनाव के नतीजों में वहां केवल 1900 वोट मिला थाऔर हरियाणा में आप ने हाल ही में शुरूआत की हैं। जबकि दिल्ली में नगर निगम चुनाव से कुछ खास सफलता नहीं मिला था, इसी बेकार प्रदर्शन ने उसे कांग्रेस पार्टी की तरफ खिसकाया है। हालांकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी नेतृत्व इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन आप नेताओं का दावा है कि फैसला प्रदेश के नेता नहीं बल्कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व करेगा।