इस बार डीरेका में रावण दहन का होगा कुछ अलग ही नजारा
वाराणसी। असत्य पर सत्य व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व विजया दशमी यानी की दशहरे पर रावण दहन का नजारा पिछली बार से कुछ अलग ही होगा। दशहरे के इस पावन पर्व पर वहीं कई नए दृश्य देखने को मिलेंगे। इस बार केंद्रीय खेल मैदान पर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाने के लिए नया प्रयोग किया गया है। विजया दशमी के पर्व पर सोने की लंका का भी निर्माण कुछ अलग अंदाज में हुआ है। दो सौ मीटर दूर बने मंच से आग का गोला जाकर रावण की नाभी में लगेगा और रावण जल उठेगा।
पहली बार होगा दस सिरों वाला रावण
विजयादशमी समिति के निदेशक एसडी सिंह ने बताया कि इस बार दशहरे पर डीरेका में पहली बार दस सिरों वाला दशानन होगा। यहां राम वनगमन से लेकर रावण बध तक कि लीलाओं को रूपक के माध्यम से मूक अभिनय पर प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अंतर्गत रामचरित मानस पर आधारित अति रोचक रूपक के उपरांत रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाद के विशालकाय पुतलो का दहन और आकर्षक आतिशबाजी का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
आयोजन अंतिम चरण में
शाम चार बजे से विजयदशमी समारोह का आयोजन किया जाएगा। दशहरे पर होने वाले रावण दहन को इसके पहले से ही दशहरे के दिन होने वाले रूपक की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रावण और उसके कुनबों के पुतलों के निर्माण में 80 बांस, 10 बल्ली, 150 किलो मैदा, 150 पीस साड़ी, 60 किलो विशेष प्रकार के तांत, 150 किलो कागज, पांच किलो रंग और 25 लीटर पेंट का प्रयोग किया गया है। पुतलों के अंदर 50 तरह के आवाज करने वाले पटाखे भी लगाए गए हैं।