अस्पतालों के द्वारा डेथ सर्टिफिकेट बनाने में हो रही धोखाधड़ी, कोरोना से हुई मौत को लिखा निमोनिया
वाराणसी। कोरोना की इस संकट की घड़ी के बीच अस्पताल प्रशासन के द्वारा लापरवाही की तस्वीरें निकल कर सामने आती ही जा रही है। यह लापरवाही के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे है।
ताजा मामला वाराणसी के रमना गांव का है, जहां दो भाइयों की कोरोना से मौत हो गई। बड़े भाई की रिपोर्ट में मौत का कारण निमोनिया लिखा गया जबकि अभी छोटे भाई की डेथ रिपोर्ट आना बाकी है।
क्या इस प्रकार की कागजी कार्रवाई से अस्पताल प्रशासन मौत के आंकड़ों को छुपाने का कार्य कर रही है?
इस रिपोर्ट पर कई सवालिया निशान उठ रहे हैं। इस संबंध में मृतक के परिजन ने बताया कि उनके दादाजी की मौत कोरोनावायरस की वजह से हुई लेकिन अस्पताल से जो सर्टिफिकेट मिला उस पर मौत का कारण निमोनिया लिखा गया है
27 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें साईं हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
28 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, उसके बाद भी डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह निमोनिया लिखा गया।
उन्होंने बताया उनके अंदर सारे लक्षण कोविड के ही थे मगर डेथ रिपोर्ट बदल दी गई।
जबकि 3 दिन के भीतर ही मृतक के छोटे भाई की भी मौत कोरोना से ही हुई है मगर उनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
इस सम्बंध में जिलाधिकारी ने बताया कि ये प्रशासन की गलती नहीं है।उन्होंने कहा कि अगर मरीज की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आती है और अगर मौत हो जाती है तो उसे मौत कारण कोविड ही माना जायेगा।
उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पोर्टल में डेथ सर्टिफिकेट की फीडिंग की व्यवस्था नही है वो मैनुअल में जिला प्रशासन को डेथ रिपोर्ट दे रहे है।
उन्होंने बताया कि जो अस्पताल डेथ रिपोर्ट गलत दे रहे है उनकी जांच की जाएगी। ऐसे में प्रशासन की मंशा पर सवाल नहीं किया जा सकता।
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