इन तरीकों से बरक़रार रखे रिश्तों की गर्माहट, 6 प्रकार के होते हैं प्यार
क्या आपके आसपास कोई खुश और एक दूसरे से संतुष्ट दम्पति हैं? कोई नहीं जानता की शुरुआत में जन्म जन्मांतर की कस्मे खाने वाले दम्पत्तियों के बीच ऐसा क्या हो जाता है जो विवाह के कुछ वर्षो के पश्चात् दूसरे से सीधे मुँह बात तक नहीं करना चाहते। लेकिन वर्षो से चली आ रही शोध से हम कुछ हद तक रिश्तो को बेहतर बनाने का प्रयास कर सकते हैं. अच्छे रिश्ते रातो रात नहीं बनते, इसके लिए दम्पत्तियों के बीच प्रतिबद्धता, समझौता, माफी और सबसे ज़्यादा प्रयास करने की ललक होनी चाहिए।
प्रेम में पड़ जाना आसान होता है मगर एक दूसरे के साथ रहकर इस रिश्ते को खुशियों से संजोकर आखिर तक रखना ही इस रिश्ते की असली परीक्षा होती है। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अजय देवगन ने एक अख़बार को दिए गए साक्षात्कार में कहा था की जितना प्रयास नए रिश्तों को बनाने के लिए किया जाता है यदि उसका दस प्रतिशत प्रयास उन्ही रिश्तों को संजोकर रखने के लिए किया जाता तो शायद रिश्तों में कभी खटास ही ना आये।
कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्री टेरी हॉटकॉफ के अनुसार प्रेम के 6 प्रकार होते हैं:
रोमांटिक: जुनून और यौन आकर्षण के आधार पर
सर्वश्रेष्ठ मित्र: स्नेह और गहरा स्नेह
तार्किक: साझा मूल्यों, धर्म आदि के आधार पर व्यावहारिक भावनाएं
चंचल: प्रलोभन से पैदा होने वाली भावनाएं
स्वामिगत: ईर्ष्या और जुनून से परिपूर्ण
निस्वार्थ: पोषण, दया और बलिदान से संपन्न
हमारे सबसे प्रतिबद्ध रिश्तों में जो प्यार हम महसूस करते हैं वह आमतौर पर दो या तीन अलग-अलग प्रकार के प्यार का संयोजन होता है।
लेकिन अक्सर, एक ही रिश्ते में दो लोगों के प्यार के बारे में बहुत भिन्न परिभाषा होते हैं जैसे अगर किसी रेस्टुरेंट में कोई दम्पति खाना खाने के लिए गए हों और वहां खाना परोसनेवाला बैरा महिला के साथ कुछ ज़्यादे ही हसी मज़ाक करे तो शायद महिला को बुरा लगे क्योंकि वह शायद अपने पार्टनर से स्वामिगत व्यवहार की उम्मीद करती हो, लेकिन उसी वक़्त पुरुष को ये चीज़े सामान्य लगे क्योंकि उसके नज़रों में प्रेम तार्किक एहसास है जिसमे हर किसी की अपनी खुद कि पसंद-नापसंद शामिल हो सकती है।
अपने साथी और उसके प्रेम के तरीको को समझने से रिश्तो में आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है जिससे रिश्तो में एक समन्वय बरकरार रहे और इस मधुर जीवन का आप आनंद लेते रहें।