लॉक डाउन-4 में भी ठेला पटरी व्यवसाय करने वाले लोग भुखमरी के कगार पर

लॉक डाउन-4 में भी ठेला पटरी व्यवसाय करने वाले लोग भुखमरी के कगार पर

वाराणसी। भारत मे लॉक डाउन-4 की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में अगर बात करें तो कई दिन बीतने के बाद प्रदेश सरकार लगातार श्रमिक मजदूरों और बाहर से आने वाले लोगों का स्वागत कर रही है और अपने यहां रोजगार देने की बात भी कह रही है।

पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रदेश सरकार के निर्देश अनुसार दुकानों को खोलने की इजाजत तो मिली मगर ठेला और पटरी व्यवसाइयों की कोई सुध नहीं ले रहा है।

यही वजह है कि बनारस के ठेला खुमचा वाले रोजगार करने वाले लोगों का इस समय स्थिति काफी दयनीय है जिसको लेकर उनके बीच जहां खाने और अनाज की कमी उन्हें सता रही है तो वहीं बाजारों में भी उन्हें पटरी के पास व्यवसाय करने की कोई अनुमति नहीं दी गई है।

 अगर बात करें ठेला पटरी व्यवसाय की तो लगभग 40 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो इस व्यवसाय में अपने परिवार और अपने से जुड़े है और अपना और अपने परिवार का पेट भरते है लेकिन पिछले कई महीनों से यह रोजगार पूरी तरीके से ठप पड़ा है।

अगर वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री इनकी आवाज और उनकी तकलीफों को अगर सुन ले तो शायद इनको भुखमरी से बचाया जा सके।

 हालांकि प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है श्रमिक मजदूर और दुकानदारों के लिए देश में आर्थिक संकट की स्थिति ना उत्पन्न हो वहीं पीएम ने भी कुछ दिन पहले देश से संबोधन में कुछ बातें कही थी जिसमें यह भी कहा गया था की लोकल प्रोडक्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें

 अपने यहां बनी घरेलू चीजों का खरीदारी करें अगर लोकल सामानों का खरीदारी करते हैं तो इससे छोटे पटरी के व्यवसाय और उससे जुड़े लोगों को जहां रोजगार मिलेगा तो वहीं उनके अंदर एक उर्जा भी प्राप्त होगी जिससे अपने लोकल प्रोडक्ट को विश्व में बड़े प्रोडक्ट के तौर पर टक्कर देने में काम आएगा लेकिन पीएम के आश्वासन के बाद भी शायद छोटे पटरी व्यवसाय के दुकानदार हैं उन्हें अभी भी दुकानों को लगाने की अनुमति नहीं मिली है। जिससे उनके बीच काफी निराशा है।

यह हम नहीं कहते बल्कि जो पटरी व्यवसाई के लोग हैं उनका कहना है कि अगर समय वक्त रहते अगर उनका ध्यान कर लिया गया तो एक तबका होने वाले भुखमरी से मौतों में शामिल नहीं होगा।

न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं। 

Vikas Srivastava

Related articles