वाराणसी में मना ललही छठ का त्यौहार, तालाब किनारे महिलाओं ने की पूजा
वाराणसी। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ललई छठ का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति और संतान की दीर्घ आयु के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर के पास के किसी तालाब के पास एकत्रित होकर ललई छठ की पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं कोई अनाज नहीं खाती हैं और महुआ की दातुन करती हैं। इस दिन व्रती महिलाएं केवल तालाब में उगने वाली चीजें जैसे टिन्नी का चावल आदि चीजें ही खाती हैं।
इस वर्ष छठ का पर्व 28 अगस्त यानी आज है। आज ललही छठ के अवसर पर वाराणसी के कई स्थानों पर महिलाओं ने मिल कर पूजा की। व्रती महिलाएं भक्ति में डूबी नजर आईं। सुबह से ही तालाबों के किनारे महिलाओं की भीड़ जुटाने लगी थी। इसी क्रम में वाराणसी के ईश्वरगंगी पोखरा में ललही छठ का महोत्सव हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी मनाया गया। बड़ी संख्या में महिलाएं यहां जुटी नजर आयीं। पूजा के दौरान प्रशाशनिक सुरक्षा की भी व्यवस्था की गयी है।
इस मौके पर उपस्थित जैतपुरा थाने के SSI शिवप्रसाद सिंह ने कहा कि ” ईश्वरगंगी पोखरे पर हर वर्ष महिलाएं ललही छठ के पर्व पर इकट्ठा होती हैं। इस वर्ष भी महिलाएं भरी संख्या में एकत्रित हुई हैं जिनके सुरक्षा में हमारी तैनाती यहाँ की गयी है। सुबह 8 बजे से हमारी ड्यूटी लगी है। ”
वहीं वहां पूजा करने आई महिला ने बताया कि “हमारे यहाँ ललही छठ की पूजा पीढ़ियों से की जाती है। यह व्रत प्राप्ति के लिए किया जाता है, इस व्रत से पुत्र प्राप्त होता है। इस व्रत में कई महिलाएं खड़े कथा सुनती हैं ताकि उन्हें पुत्र हो। कई महिलाएं मन्नत मानती हैं कि अगर उनके बेटे की शादी अच्छे से होती है तो वो निर्जला व्रत रख कर खड़े होकर कथा सुनेंगी और शाम में सूर्यअस्त से पहले टिन्नी का चावल खा के पानी पीती हैं ”
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