मी टू अभियान के तहत वरुण ग्रोवर पर आरोप लगाने वाली महिला ने बदली चाल

मी टू अभियान के तहत वरुण ग्रोवर पर आरोप लगाने वाली महिला ने बदली चाल

वाराणसी: मी टू अभियान में आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र और लेखक-कॉमेडियन वरुण ग्रोवर पर यौन शोषण को लेकर चल रहे आरोपों के बाद अब एक रोचक मोड़ देखने को मिल रहा है। वरुण पर पढ़ाई के दिनों में यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला बैकफुट पर नजर आई और अपने ट्वीट को यू – टर्न लेते हुए डिलीट कर दिया। यह सब हुआ भी उस दौरान जब वरुण द्वारा एक – एक कर आरोपों पर अपने पक्ष को ट्विटर पर रखना प्रारम्भ किया गया।

ट्विटर हैंडल पर लगाया आरोप

वरुण ग्रोवर पर ट्विटर हैंडल पर आरोप लगाने वाली महिला द्वारा मंगलवार को कहा गया था कि वरुण जब आईआईटी में 2001 में पढ़ रहे थे, उसी दौरान उन्होंने एक नाटक की रिर्हसल की आड़ में उनके साथ न सिर्फ दुर्व्यवहार किया बल्कि उनका शोषण भी किया।

वरुण ने सोशल मिडिया पर बयान किया जारी

वरुण ने सोशल मिडिया पर यह खबर के वायरल होने के साथ ही चार पेज का बयान अपने ट्विटर अकाउंट पर जारी कर दिया है। वरुण द्वारा कहा गया है कि केवल दो ही नाटक कॉलेज में लिखे गए थे, जिनमें से उन्होंने सिर्फ एक का ही निर्देशन था। महिला ने जिस म्यूजिक क्लब में शोषण की बात कही है, वहां पर वह कभी गए ही नहीं है।

मी टू अभियान के तहत महिलाओं ने साझा किए अनुभव

हम आपको बताते चले कि मी टू अभियान के तहत जबसे अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण के आरोप लगाया गया है उसके बाद से इस अभियान के तहत कई सारी महिलाएं मनोरंजन सहित मीडिया जगत में यौन शोषण से जुड़े अनुभव साझा कर रही हैं। इस तरह के मामलों से जुड़े लोगों में अब तक एक्टर रजत शर्मा, कैलाश खेर, ‘क्वीन’ के निर्देशक विकास बहल, चेतन भगत और आलोकनाथ जैसे सितारों के नाम शामिल है।

2001 में मिला था वरुण के नाटक को गोल्ड मेडल

आईआईटी के प्रोफेसर को जैसे ही वरुण पर लगे इस आरोप की जानकारी हुई वह भी वरुण ग्रोवर के बचाव पक्ष में आ खड़े हुए हैं। साथ ही वह वरुण पर लगाए गए आरोपों पर आश्चर्य भी जाहिर कर रहे हैं। वहीं एक शिक्षक द्वारा यह बात कही गई की उस वक्त आईटी बीएचयू के तहत ही चलता था। वरुण जो की 2000 से 2004 तक सिविल इंजीनियरिंग के छात्र रहे उन पर ऐसा आरोप लगाना ही गलत है। साथ ही उनके द्वारा यह बात भी कहीं गई की 2004 में बीटेक करने के बाद उसने यहां नौकरी नहीं की एवं वह मुंबई चला गया क्योंकि वरुण का स्वभाव ऐसा था ही नहीं। उस पर इस प्रकार का आरोप लगाया जा रहा है यह सुनकर ही अचरज हो रहा है। उनके लिखे नाटक में अक्तूबर 2001 में शिलांग में आयोजित इस्टजोन इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में मंचन किया गया था, उस समय गोल्ड मेडल बीएचयू की टीम को मिला था। उस पर ऐसा आरोप लगाया गया, यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है। उसके लिखे नाटक को शिलांग में अक्तूबर 2001 में आयोजित इस्टजोन इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में मंचन किया गया था, उस वक्त बीएचयू की टीम को गोल्ड मेडल मिला था।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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