जिंदगी की जंग हारते लोग
आज कल के परिवेश में कई लोगों को खुदकुशी की खबरें सामने आ रही है। इसमें से अधिकतर लोग युवा पीढ़ी के है। ऐसे में अगर बात करें भारत की तो आज कल यहां सिनेमा जगत से जुड़े लोगों के खुदकुशी करने की खबरों का ताता लगा हुआ है। पिछले कुछ सालों में सैकड़ों टीवी स्टार और सिनेमा जगत की हस्तियों ने आत्महत्या की, इनमें से अधिकतर लोगों की मौत का कारण आज भी रहस्य का विषय बनी है। इसका खास कारण ये भी हो सकता है कि रसूखदार लोगों के कारण सच्चाई को या तो दबा दिया जाता है या फिर उसे दूसरे एंगल से दुनिया के सामने प्रकट किया जाता है।
बॉलीवुड के सिनेमा जगत में वैसे तो कई बड़ी हस्तियों की आत्महत्या की खबरें आयी, जिनमें अपने ज़माने की मशहूर अभिनेत्री दिव्या भारती का नाम भी शुमार था। मगर 90 के दशक के बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही एक बार फिर से ये सिलसिला शुरू हुआ जो अभी तक रुका नहीं है। हाल ही में टीवी एक्ट्रेस 20 वर्षीय तुनिशा शर्मा, एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर, एक्टर सैबल भट्टाचार्य, गाली इंडस्ट्री से ही ताल्लुक रखने वाली एक्ट्रेस और मॉडल पल्लवी डे, बिदिशा मजुंदार, मंजुषा नियोगी जैसी कई हस्तियों ने आत्महत्यायें की। हालांकि इनमें से शायद ही कोई एक सुसाइड की सही वजह सामने आयी हो। आखिर इसके पीछे का मुख्य कारण क्या है, आइये आज इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश करती है।
दरअसल आजकल की बदलती लाइफ स्टाइल में हर चीज को लेकर हम जल्द ही तनाव या डिप्रेशन में आ जाते हैं। ये डिप्रेशन आगे चलकर मेंटल हेल्थ को खराब करने लगता है। इसका सामना नहीं करने वाले लोग अक्सर आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं। चमक दमक भरी इस दुनिया के सितारों के द्वारा हो रही आत्महत्याओं के बाद चलने वाली जांच में अधिकतर ड्रग्स लेना, प्यार में धोखा खाना, अत्यधिक काम का प्रेशर होने के साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के एंगल सामने आये है। तो इससे साफ जाहिर है कि आज के परिवेश में लोगों का आत्म संयम कहीं न कहीं अब समाप्त होने लगा है, जिसके कारण ऐसी वारदातें हो रही है।
बनाये रखे अपना आत्म संयम
ऐसे में वेदों और पुराणों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार आत्महत्या करना पाप की श्रेणी में आता है, इसलिए मनुष्य किसी भी परिस्थिति में अपना आत्म संयम नहीं खोना चाहिए और हर समस्या का डटकर सामना करना चाहिए। क्योंकि इस संसार के एक मात्र मनुष्य ही है, जो समय की चाल को अपने कर्मों के दम पर मोड़ सकता है और किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है।
ऐसे है आत्महत्या के आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर 4 मिनट में कोई एक अपनी जान दे देता है और ऐसा करने वाले तीन लोगों में से एक युवा होता है। यानी देश में हर 12 मिनट में 30 वर्ष से कम आयु का एक युवा अपनी जान ले लेता है। एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते साल 2021 में 1,64,033 लोगों की मौत सुसाइड से हुई। इसमें दिहाड़ी मजदूरों की सुसाइड का हिस्सा एक चौथाई रहा। यानी पिछले साल देश में आत्महत्या करने वाला हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर था।
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