सिर्फ फेसबुक नहीं व्हाट्सप्प के जरिये भी लीक हो सकती है जानकारी, भूलकर भी न करे ये गलती
आप को पता होगा फेसबुक डाटा चोरी की खबर ने पूरी दुनिया में लोगों परेशान कर दिया है| सिर्फ हमारे डाटा की यह चोरी फेसबुक पर नहीं होती।बल्कि वाट्सएप पर भी होता है।अपना डाटा लीक करने में खुद लोग जिम्मेदार होते हैं।फर्जी कंपनियां वाट्सएप यूजर्स से उनकी निजी जानकारी निकलने के लिए मुफ्त डाटा, टॉक-टाइम, यहां तक कि आइ-फोन तक देने के नाम पर डाटा निकलवा लेती हैं, फिर इसे बाद में इस्तेमाल किया जाता है।
वाट्सएप पर आपके पास रोजाना ढेरों संदेश आते है| जिन संदेश मे कई लिंक को खोलें और अपना रजिस्ट्रेशन करे। फिर उस संदेश को अपने वाट्सएप मे लोगो को भेजें। इनमें दी गई लिंक्स पहली नजर में विश्वसनीय लगती हैं।ज्यादातर लोग इन निर्देशों का पालन भ्रमित होकर कर देते है| आपकी अहम जानकारी बस इतना करने से चोरी हो जाता है।
इन चीज़ो का हमेशा रखे ध्यान
डाटा लीक की चोरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि दुनिया में कुछ भी मुफ्त का नहीं अगर कोई आपको मुफ्त में कुछ देने की बात करता है तो भी उसे कुछ फायदा हो रहा होगा। लिहाजा कोई भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे अच्छी तरह पढ़ लें। कई बार ऐसा होता है लिंक में जो चीज मुफ्त में देने की बात लिखी होती है, अंदर लिंक में कोई जिक्र नहीं होता। कई बार सरकारी नौकरी के संदेश आते हैं, जिनमें यूआरएल डॉट इन के बजाय डॉट कॉम पर खत्म होता है। लिंक को ध्यान से पढ़कर या उसे इटरनेट पर सर्च करके पता किया जा सकता है कि संदेज सही है या गलत है।
ये मैसजे बन सकता है डाटा लीक का कारण
आप को बता कि वाट्सएप पर एक संदेश आजकल बहुत तेज फैल रहा है| जिसमें यह कहा गया है,कि सरकार मुफ्त सोलर पैनल बांट रही है।जिसे लगवाने के लिए फॉर्म भरकर जमा करना होगा।
यूआरएल में सोलर पैनल रजिस्टेशन लिखा है मगर वह डॉट कॉम पर खत्म हो रहा है न कि भारत सरकार के जीओवी.इन पर। जिसे क्लिक करते ही एक पेज खुलेगा जिसमें यह लिखा रहेगा। कि आप हर घर रोशन अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरकर जमा करे। जानकारी देने के बाद अगला पेज आपको इस लिंक को वाट्सएप पर अपने कई दोस्तों से शेयर करने का निर्देश देगा। फिर रजिस्ट्रेशन नंबर देने के बाद अगला पेज आपसे एप डाउनलोड करने को बोलता है इस पेज पर कई विज्ञापन भी हैं, यानी वेबसाइट चलाने वाला विज्ञापनों से बहुत पैसा कमा लेते होगा।
फिर एक सोलर किट नंबर जो किसी काम का नहीं होगा। उसके बाद लिंक मे एक एप डाउनलोड करने को कहेगा| जिससे इस फर्जी वेबसाइट को बनाने वाले शख्स को फायदा होगा।