इस भोजपुरी गाने में छिपी है मोदी-राहुल और मायावती सहित पुरे देश की राजनीति

इस भोजपुरी गाने में छिपी है मोदी-राहुल और मायावती सहित पुरे देश की राजनीति

‘पियवा से पहिले हमार रहलू’ ये भोजपुरी गीत है, हालांकि कभी सुनता नही, मगर बस में सफर के आठ घण्टे के दरम्यान कई बार पूरे गीत को झेलना पड़ा, पर जब मैने इस गाने को पहली बार ध्यान से सुना तो मुझे लगा कि ये सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि ये अपने आप में एक सम्पूर्ण महाकाव्य है।

“अब बात ना तोसे होई, सूना ए मोर करेजा,
देले बाड़ा तू जवन, मोबाइल आके लेजा”

( हे प्राण प्रिय अब आप से बात नहीं हो पाएगी इसलिए आप ने जो मोबाइल मुझे दिया है वो आकर ले जाइये)

पहली लाईन ही झकझोर कर रख देती है। आज के इस जमाने में भी कितना सत्यनिष्ठ; ईमानदार और निश्छल व्यक्तित्व है नायिका का, जो कहती है कि अब आप से बात नहीं हो सकती आप अपना मोबाइल ले जाइये। अगर नायिका चाहती तो मोबाइल हड़प भी सकती थी। नायक क्या कर पाता, एक बार मोबाईल दे ही दिया तो। नायिका सिम निकालकर फेक देती, दूसरा सिम लगा लेती, भला आज के जमाने में मिला हुआ मोबाइल कोई वापस करता है, पर नायिका के त्याग और ईमानदारी को देखकर बरबस मुझे मोदी जी की याद आ जाती है। जो कहते हैं कि “मेरा क्या है, मैं तो फकीर हूं झोला उठा के चल दूंगा”

“याद करा जहिआ कुंआर रहलू
पिअवा से पहिले हमारा रहलू”

(नायक एक असफल प्रयास करता है अपने योजना को फलीभूत करने का। वो कहता है कि तुम याद करो वो पल जब तुम कुंआरी थी, पति से पहले तुम हमारी थी।)

यहाँ नायक के चेहरे से वही बेवसी झलकती है जैसे हर चुनाव में राहुल गांधी के चेहरे से दिखती है। जैसे राहुल गांधी जनेऊ धारण करके हिन्दू बन जाता है, मंदिर मंदिर घूमता हैं और हिन्दू जनमानस को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करता है कि हम तो मोदी के पहले से ही आपके खैरख्वाह हैं।

फिर नायक कहता है,
“भइल रहे प्यार जब तू रहलू नादान हो
हमहीं खिआके तुहके कइलीं सयान हो”

(जिस समय तुमसे प्यार हुआ था उस समय तुम नादान थी, हमनें ही तुम्हे खिला पिला के जवान बनाया)

फिर नायिका बोलती है,
“रहनीं कुंआंर तुहार राखत रहनी मन हो
हो गईल शादी भईनीं दूसरा के धन हो”

(जब मैं कुंआरी थी तुम्हारी इच्छा रखती थी पर अब मेरी शादी हो गई, मैं दूसरे की अमानत हो गई)

यहां नायक, जहां भाजपा की तरह लाचार दिख रहा वहीं नायिका मायावती / ममता बनर्जी की तरह शातिर पैतरा मार रही है। जैसे भाजपा कहती है कि हमने ही बहन जी को तीन बार मुख्यमंत्री बनाया, दीदी को राजनीति में लाया और अब हमारी ही खिलाफत करती हैं।

“जा ए जाने जां जाताडू त हमके मत भुलइह
बाबू जी से दीन धरा के जल्दी घरे अइहा
भागे खातिर संघे तइयार रहलू
पियवा से पहिले हमार रहलू”

(मेरी जान, जा रही हो तो जाओ पर हमको मत भूल जाना और अपने पापा से डेट रखवा के जल्दी आ जाना और याद रखना तुम हमारे साथ भागने के लिए भी तैयार थी)

जहां तक उपर की दो लाईनों की बात है तो उसमें नायक इमोशनली मोटिवेट करने की कोशिश कर रहा कि जा रही हो तो जाओ पर हमको मत भूलना।
पर आखिरी लाइन अत्यंत ही विवादास्पद है जिसमें नायक कहता है कि शादी से पहले तुम हमारे साथ भागने को तैयार थी।
इसको लेकर फेमिनिस्ट वामपंथी, कांग्रेसी, सो-कॉल्ड सेकुलर, लेखक, बुद्धिजीवी और पत्रकार बन्धु, चाहें तो अच्छा खासा आंदोलन खडा कर सकते हैं क्योंकि यह सीधे सीधे नारी अस्मिता पर चोट है। उसके वैवाहिक जीवन को तहस नहस करने की साजिश है।

ये सीधी धमकी है कि मैं समाज को बता दूंगा कि तुम मेरे साथ भागने वाली थी।
इस बात को लेकर नायक पर आपराधिक साजिश, ब्लैकमेल, और अटेंप्ट टू रेप जैसे केस दर्ज किये जा सकते हैं।

इस पोस्ट को केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से लें।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.