पवित्रता का पर्याय है गंगा जल- कमिश्नर दीपक अग्रवाल
वाराणसी में गंगा को निर्मल करने के लिये भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे सहित कई योजना चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय धरोहर मॉ गंगा के निर्मलता एवं हरीतिमा संवर्धन को प्रभावी बनाने हेतु जनान्दोलन की आवश्यकता है। उक्त बाते कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने राष्ट्रीय धरोहर मॉ गंगा के निर्मलता एवं हरीतिमा संवर्धन हेतु गुरुवार को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर मण्डलीय आडीटोरियम में वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोले उन्होंने गंगा जल को पवित्रता का पर्याय बताते हुए कहा कि पेड़-पौधे एवं नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु चिन्तन और मंथन का समय समाप्त हो चुका है। अब इनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिये काम करने का दौर आ गया है। पर्यावरण प्रदुषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि इन्ही पेड़-पौधों से इसका संतुलन बना रहता है। उन्होने प्रत्येक नागरिक से एक पेड़ स्वयं लगाने के साथ ही एक पेड़ दूसरे से भी लगवाये जाने हेतु प्रेरित किये जाने की अपील की।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने समय-समय पर विभिन्न रूपों में होने वाले प्राकृतिक कहर को प्रकृति का अल्टीमेंटम बताते हुए कहा कि मॉ-बाप द्वारा जैसे अपने बच्चों को गलत काम करने पर डाटा-फटकारा जाता है, उसी प्रकार प्रकृति भी अपने कहर से हमें सचेत करता रहता है और हमें अब सजग हो जाना चाहिये। उन्होने बताया कि वाराणसी में गंगा को निर्मल करने के लिये भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे सहित कई योजना चलाया जा रहा है। मध्य जून तक दीनापुर एवं गोइठहा सीवरेंज ट्रीटमेंट प्लान्ट चालू हो जायेगा। अस्सी नाला के पानी को भी रमना में निर्माणाधीन सीवरेंज ट्रीटमेंट प्लान्ट से शोधित कर छोड़ा जायेगा। काशी में गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाये रखने में ये तीनों एसटीपी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगा। उन्होने विशेष रूप से जोर देते हुए कहॉ कि पालिथिन ने पूरे पर्यावरण को बहूॅत नुकसान पहूॅचाया है। गाय जिसे भी मॉ का दर्जा दिया गया है। इसी पालिथिन को खाकर उनकी मौत हो जाती है। उन्होने लोगो से पालिथिन बैग का प्रयोग किसी भी दशा में न किये जाने की जोरदार अपील की। उन्होने बताया कि गंगा हरीतिमा अभियान का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हरियाली को बढ़ाना और भूमि के क्षरण को नियंत्रित करना है।
प्रदेश शासन द्वारा इस अभियान को गंगा नदी के किनारे स्थित प्रदेश के 27 जिलों में प्रारंभ किया गया है। अभियान के अंतर्गत गंगा नदी के दोनों किनारे से 1 किमी0 दूर तक के क्षेत्रों में वृक्षारोपण कराया जाएगा। साथ ही इस अभियान के तहत ‘एक व्यक्ति, एक वृक्ष’ के नारे के अंतर्गत आम लोगों को अपनी निजी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस दौरान कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अभियान से स्वयं को भी जोड़ते हुए अपने निजी प्रयासों से व्यक्तिगत रूप से 1100 पौधरोपण कराये जाने का संकल्प लिया।
कार्यशाला में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील पाण्डेय एवं बीएचयू के प्रोफेसर सहित अन्य लोगो ने भी पर्यावरण प्रदुषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए गंगा के निर्मलता एवं अविरलता को बनाये रखने हेतु गंगा किनारे सहित अपने निजी स्थानों पर वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण किये जाने की लोगो से अपील की। इससे पूर्व दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का उन्होने विधिवत् उद्घाटन किया। कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी मूलचन्द्र, गंगा किनारे सहित कई ग्रामों के ग्राम प्रधान, स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।