Ram Mandir Ayodhya में 1992 जैसे हालात, 70 हज़ार जवान तैनात

Ram Mandir Ayodhya में 1992 जैसे हालात, 70 हज़ार जवान तैनात

Ram Mandir Ayodhya के सन्दर्भ में रविवार को हुई विश्व हिन्दू परिषद की धर्म सभा से पहले अयोध्या को सुरक्षाबलों ने किले में तब्दील कर दिया था। बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। लेकिन इससे पहले अयोध्या में रहने वाले मुस्लिम परिवारों ने सरकार से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया था। हिंसा से डरते हुए मुस्लिम समुदाय ने बच्चों और बूढ़े लोगों को अयोध्या से बाहर भेज दिया था। एक स्थानीय आदमी ने कहा, ‘6 दिसंबर 1992 को 17 मुसलमानों को जिंदा जला दिया गया था और समुदाय इसे भुला नहीं पाया है।’ उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं को शहर से बाहर भेज दिया गया है।

आपको बता दें कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य के साथ शनिवार को Ram Mandir Ayodhya पहुंचे थे। इससे पहले शिवसेना कार्यकर्ताओं से भरी दो ट्रेन यहां पहले ही पहुंची थी।

कुछ स्थानीय व्यापारियों को पहले ही रविवार को दुकानों को बंद रखने की धमकी दी गई थी। बाबरी विध्वंस के समय तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने गर्व से कहा था कि ‘बहादुर’ शिवसैनिकों ने 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया।’

शहर में धारा 144 लगा दी गई, जिसके अंतर्गत सार्वजनिक जगहों पर चार या इससे अधिक लोगों के जमा होने पर पाबंदी होती है। एक अपर पुलिस महानिदेशक, एक पुलिस उप-महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 पुलिस उपाधीक्षक, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, 42 कंपनी पीएसी, पांच कंपनी आरएएफ, एटीएस कमांडो और ड्रोन तैनात किए गए थे।

अंत में मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि मंदिर बनाने के लिए इंजीनियरों और मजदूरों की जरूरत है, न कि भीड़ की, जो अयोध्या में लगातार एकत्र हो रही है। Ram Mandir Ayodhya का विवाद एक तरफ है, लोगों की सुरक्षा एक तरफ। 1992 जैसे हालात न बनने दें, इसी में हम सबकी भलाई है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.