बनारस में मुस्लिम महिलाओं द्वारा उतारी गयी रामराज्य रथयात्रा की आरती
वाराणसी: संतों तथा विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा अयोध्या से रामेश्वरम तक निकाली जा रही ‘रामराज्य रथयात्रा’ मंगलवार शाम योगीराज की नगरी काशी पहुंची तो इसका स्वागत बनारस की मुस्लिम महिलाओं ने आरती उतारकर की। बनारस ने इस रथयात्रा का स्वागत जोर – शोर के साथ किया।
इस रथयात्रा में शामिल संतों ने मंगलवार को ‘बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर’ में दर्शन-पूजन भी किया। इस रथयात्रा में पुनः एक बार ‘राम मंदिर आंदोलन’ की चिंगारी भड़कने लगी। बजरंग दल एवं विश्व हिन्दू परिषद् के सहयोग से संतों द्वारा निकाली जा रही रामराज्य रथयात्रा के द्वारा राम मंदिर आंदोलन को एक बार फिर धार मिलने लगी। बुधवार की सुबह यह रथयात्रा काशी से प्रयाग के लिये प्रस्थान करेगी।
अर्जुन कुमार मौर्य (बजरंग दल, काशी विभाग के विभाग संयोजक) ने बताया कि देशव्यापी यह रामराज्य रथयात्रा अयोध्या से रामेश्वरम् तक निकाली जा रही है। 41 दिनों की ये यात्रा 13 फरवरी से 25 मार्च तक भारत के विभिन्न शहरों और राज्यों से होते हुए अंत में दक्षिण भारत के पवित्र शहर रामेश्वरम में जाकर समाप्त होगी। रथयात्रा में सुसज्जित रथ एवं 50 संतों का एक दल भी है जिनके द्वारा स्थान-स्थान पर प्रवचन का आयोजन किया जायेगा।
काशी में इन स्थानों से होकर गुजरेगी रामराज्य रथयात्रा
वाराणसी में यह रथयात्रा गिलट बाजार, तरना, पांडेयपुर चौराहा, भोजूबीर तिराहा, चौकाघाट चौराहा, पुलिस लाइन, मलदहिया चौराहा, इंग्लिशिया लाइन, तेलियाबागसे होते हुए लहरतारा स्थित राम जानकी मंदिर पहुंची।
प्रयाग है अगला पड़ाव
15 फरवरी को यह रथयात्रा इलाहाबाद पहुंचेगी। इस रथयात्रा का नेतृत्व श्रीशक्ति शान्तानन्द तथा स्वामी कृष्णानंद सरस्वती, महर्षि श्रीराम दास मठम् चेन्कोट्टुकोणम, तिरुवनंतपुरम (केरल) कर रहे हैं। श्री रामदास युनिवर्सल सोसाइटी महाराष्ट्र के बैनर तले आयोजित इस यात्रा को अयोध्या से रवाना करने के लिए विहिप, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता मौजूद थे। वाराणसी में यात्रा प्रमुख विपिन पाठक, महानगर यात्रा प्रभारी राजन गुप्ता, प्रभारी अर्जुन मौर्य और यात्रा प्रमुख निखिल त्रिपाठी इस रथयात्रा का कार्यभार संभाल रहे हैं।
यह रथयात्रा छः राज्यों से गुजरेगी
हम आपको बताना चाहेंगे कि शिवरात्रि के महापर्व पर अयोध्या से शुरू होने वाली यह रथयात्रा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल से होते हुए तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर पहुंचेगी और तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में ही रामराज रथयात्रा का समापन कार्य किया जायेगा। यह रथयात्रा क़रीब छः हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
आपको एक आश्चर्यजनक बात और बताना चाहेंगे कि इस रामराज रथयात्रा के सुअवसर पर स्वयं को बाबर का वंशज बताने वाले ‘प्रिंस याकूब तुसी’ भी इस यात्रा में प्रतिभाग करेंगे।