मानवता फिर शर्मसार, 4 माह के शिशु के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या
इंदौर: मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यह मामला मध्यप्रदेश के इंदोर जिला की है, जहाँ चार माह की दुधमुंही बच्ची इस दरिंदगी का शिकार हुई है। सिर्फ यही नही, दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी। बच्ची का शव एक इमारत के बेसमेंट से बरामद किया गया। बच्ची का शव घटनास्थल से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर श्रीनाथ मार्केट के बेसमेंट में अर्धनग्न हालत में मिला। उसके शरीर और कपड़ों पर खून के धब्बे थे। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से पता चला की आरोपी बच्ची के पिता का ही दोस्त है। मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई। उधर, देर शाम पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे बच्ची का शव मिलने पर सनसनी फैल गई। सूचना पर पुलिसकर्मी, फारेंसिक टीम व दीपक जैन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। भीड़ देख राजवाड़ा पर ही फुग्गे बेचने वाला एक युवक वहां पहुंचा। उसने बच्ची की शिनाख्त उसकी भानजी के रूप में की।
बच्ची की माँ को लगा सदमा, पूरा परिवार खामोश
बच्ची के मामा ने बताया जीजा और बहन एरोड्रम इलाके में रहते हैं। उनके परिवार में दो बेटे व दो बेटी थे। मृतका सबसे छोटी थी। बहन और जीजा उसके साथ राजवाड़ा पर ही फुग्गे बेचते हैं। रात को वे सभी राजवाड़ा के पास सो गए। रात 3 बजे बच्ची रोने लगी तो बहन ने दूध पिलाया और फिर जीजा व उसके बीच उसे सुला दिया। सुबह 5 बजे बहन की नींद खुली तो उसने बताया बेटी गायब है। इस पर उसे तलाशना शुरू किया। करीब एक घंटे बाद भी वह नहीं मिली तो वे सराफा थाने पहुंचे। परिजनों का पुलिस पर लापरवाही का आरोप उन्होंने बताया कि बताया थाने पहुंचकर पुलिसकर्मियों से अपहरण की बात कहकर बेटी को ढूंढने के लिए मिन्नतें की। इस पर एएसआई दुर्लभ सिंह बरकरे ने कहा- टीआई साहब नहीं है, 12 बजे आना। तब एफआईआर दर्ज होगी।
वारदात को अंजाम 15 मिनट के अन्दर
जहां बच्ची सो रही थी, उसके सामने दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनके फुटेज में खुलासा हुआ कि बच्ची के पिता का दोस्त सुनील भील भी वहीं सोया था। वह 4:45 बजे उठा और बच्ची को कंधे पर लगाकर श्रीनाथ मार्केट की ओर ले गया। वहां उससे दुष्कर्म किया और उसका सिर पटककर हत्या कर दी। बेसमेंट के दरवाजे पर ताला लगा था, इसलिए उसने दरवाजे के ऊपर से बच्ची को अंदर फेंक दिया। फुटेज में सुनील 5 बजे लौटता दिखाई दिया और वहां से गायब हो गया। फुटेज के आधार पर परिजन ने उसे पहचाना। वह भी साथ में सालों से फुग्गे बेचता है। परिजन उसे परिवार का सदस्य ही मानते थे। मामले में डीआईजी ने कहा कि आरोपी मृतका के पिता का ही दोस्त है। वह बच्ची को कंधों पर ऐसे ले गया जैसे वह उसकी ही बच्ची हो। ऐसी स्थिति में कैसे समझ आएगा कि वह आरोपी है। हालांकि, यह बहुत ही गंभीर केस है।
बढ़ते क्राइम पर एसपी मौन, एस एस ई निलंबित
सीएसपी बीपीएस परिहार व अन्य पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे थे। एसपी (पूर्व) अवधेश कुमार गोस्वामी को पता चला, तब तक शव एमवाय अस्पताल भेजा जा चुका था। एसपी आनन-फानन में एमवायएच की मर्चुरी में पहुंचे। इधर, एमजीरोड पुलिस टीम शव को फ्रीजर में रखकर रवाना हो गई। वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखा तो एसपी भड़क गए। उन्होंने बढ़ते क्राइम पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इतना कहा कि बच्ची के साथ हुई घटना हृदयविदारक है, इसीलिए शव देखने आए थे, लेकिन जिस अस्पतालकर्मी के पास मर्च्युरी की चाबी थी, वह नहीं मिला। सराफा थाने के पुलिसकर्मियों की संवेदनहीनता और लापरवाही की जानकारी मिलने पर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने ड्यूटी टाइम पर तैनात एएसआई बरकरे को निलंबित कर दिया।