वाराणसी के नाविक समाज ने चीनी सैलानियों का किया विरोध
वाराणसी। आज वाराणसी में लगभग 20 हजार नाविक देशी विदेशी सैलानियों को नौका विहार की सवारी कराते हैं। नाविक समाज के लोगों को ने आज एक कदम आगे बढ़कर चाइना को मुंहतोड़ जवाब देने की सोच ली है।
बनारस के 84 घाटों को टूरिज्म का बड़ा हब माना जाता है और ऐसे में गंगा की लहरों पर नौका विहार की सवारी करने को ना मिले तो बनारस आना अधूरा माना जाता है।
यही वजह है कि लोग सुबह बनारस और नौका विहार की सवारी करने काशी आते है लेकिन इन दिनों चाइना की भारतीय सैनिक के साथ हुयी हिंसक झड़प को लेकर अब काशी के मल्लाह समाज के लोग के बीच भी आक्रोश साफ देखा जा सकता है।
यही वजह है कि माझी समाज के लोगों ने चीन से आने वाले पर्यटकों का पूरी तरीके से बहिष्कार कर दिया है। नाविकों का कहना है कि अगर चीनी सैलानी काशी आते हैं तो उन्हें नौका विहार की सवारी करने का मौका नहीं मिलेगा।
हालांकि मांझी समाज के लोगों ने यह भी कहा है कि जब तक चीन को आर्थिक रूप से नहीं तोडा जायेगा तब तक चीन सीमा विवाद करता रहेगा, जिसको लेकर अब जरूरत है कि घर घर में चाइना के सामानों का पूरी तरीके से बहिष्कार कर दे।
ऐसे में अब अगर 50 हजार मांझी समाज के लोग एक साथ चाइना का विरोध कर दें तो आने वाले वक्त में चाइना को कहीं ना कहीं भारत की तरफ से करारा जवाब होगा।
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