अदरक है ह्रदय से लेकर मधुमेय आदि रोगो के लिए वरदान

अदरक है ह्रदय से लेकर मधुमेय आदि रोगो के लिए वरदान

अदरक का नाम लेते ही दिमाग में याद आती है अदरक वाली गर्मा – गर्म चाय। अदरक में जबरदस्त शक्ति होती है आपको स्वस्थ रखने की। आज से 5000 वर्ष पूर्व ही भारतवासियों को अदरक में पाए जाने वाले गुणों के विषय में जानकारी दी गई थी। तो चलिए हम आपको बता देते है अदरक के दस मुख्य फायदे जो कि इस प्रकार से है –

1 .ह्रदय के लिए है लाभकारी- आधुनिक अध्ययन दिखाते है कि इस जड़ी-बूटी के तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, रक्त प्रवाह में सुधार करने एवं अवरुद्ध आर्टरियों तथा रक्त के थक्कों से बचाव करने का काम करते हैं। ये सारी चीजें हृदयाघात (हार्ट अटैक) और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम करने का काम करती हैं।

2 .अदरक मधुमेह में लाभदायक तत्व- अदरक को मधुमेह के मामले में हुए अध्य्यन में बचाव एवं उपचार दोनों के लिए लाभकारी माना गया है। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में अदरक को टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए असरदार पाया गया है। अदरक के तत्व इंसुलिन के प्रयोग के बिना ग्लूकोज को स्नायु कोशिकाओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं। इस तरह इससे उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाई सुगर लेवल) को काबू में करने में मदद मिल सकती है।अदरक मधुमेह से होने वाली जटिलताओं से बचाव करती है ऐसा अध्ययनों में पाया गया है। अदरक मधुमेह पीड़ित के लिवर, किडनी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित कर सकती है।

3 .मोशन सिकनेस को कम करती है अदरक-गर्भवती स्त्रियों में मॉर्निंग सिकनेस एवं सफर पर रहने वाले लोगों में मोशन सिकनेस और कीमोथैरेपी के मरीजों में भी मितली की समस्या में अदरक काफी राहत देती है। कीमोथैरेपी के 70 फीसदी मरीजों को मितली की परेशानी होती है उनको वमन रोकने वाली दवाएं दिए जाने के बावजूद भी यह समस्या होती ही है। वयस्क कैंसर रोगियों पर किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि रोजाना कीमो से पहले आधा से एक ग्राम अदरक की डोज दिए जाने पर अध्ययन में हिस्सा लेने वाले 91 फीसदी मरीजों में तेज मितली की गंभीरता काफी हद तक कम हुई।

4 .लोकप्रिय पाचक है अदरक- यदि किसी को स्थायी अपच की समस्या या बच्चों में पेट दर्द से सम्बंधित समस्या हो या फिर बैक्टीरिया जनित दस्त ही क्यों न हो रहा हो इन सब उपचार सवरूप अदरक लेने की सलाह दी जाती है।भोजन से पहले अदरक के टुकड़े पर नमक छिड़क कर खाने से लार बढ़ता है, जो पाचन में मदद करता है और पेट की समस्याओं से बचाव करता है।

5.अदरक जोड़ों के दर्द एवं आर्थराइ‍टिस में राहत देती है- हम आपको बता दे कि वैज्ञानिक अध्ययन भी जोड़ों के दर्द में अदरक के असर की पुष्टि करते हैं। गठिया के शुरुआती चरणों में यह खास तौर पर असरकारी होता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित बहुत से मरीजों ने नियमित तौर पर अदरक के सेवन से दर्द कम होने और बेहतर गतिशीलता का अनुभव किया।

6.अदरक माइग्रेन की समस्या कम करती है – अदरक शोध से पता चलता है कि अदरक माइग्रेन (सिरदर्द) में राहत दे सकती है। फाइटोथैरेपी रिसर्च जर्नल में प्रकाशित ईरान के एक अध्ययन में पाया गया कि माइग्रेन के लक्षणों के उपचार में अदरक पाउडर माइग्रेन की आम दवा सुमाट्रिप्टन जितना ही असरदार है।

7.अदरक श्वास की समस्याओं और दमा के उपचार में लाभकारी है – अदरक के तत्वों के सकारात्मक नतीजे श्वास संबंधी समस्याओं के उपचार में दिखे हैं। शोध से पता चलता है कि दमा से पीड़ित मरीजों के उपचार में इसका प्रयोग आशाजनक रहा है। दमा एक स्थायी बीमारी है जिसमें फेफड़ों की ऑक्सीजन वाहिकाओं के स्नायुओं में सूजन आ जाती है और वे विभिन्न पदार्थों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, जिससे दौरे पड़ते हैं।

कुछ बाते जिनका रखे आप ध्यान –

-वयस्कों को एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा अदरक नहीं लेनी चाहिए। इसमें खाना पकाने में उपयोग किया जाने वाला अदरक शामिल है।
-गर्भवती स्त्रियों को 1 ग्राम रोजाना से ज्यादा अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए।
-दो साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दी जानी चाहिए।
-अदरक खून पतला करने वाली दवाओं सहित बाकी दवाओं के साथ परस्पर प्रभाव कर सकती है।
-किसी विशेष समस्या के लिए संभावित दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए हमेशा डॉक्टर से संपर्क कर के ही अदरक की खुराक ले।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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