सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पिता के बनाए घर में हिस्सा लेने का बेटे को नहीं होता कानूनी अधिकार

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पिता के बनाए घर में हिस्सा लेने का बेटे को नहीं होता कानूनी अधिकार

आप को बता कि समय समय पर कोर्ट के ऐसे फैसले से प्रॉपर्टी के कानूनों को लेकर अब भी लोगों में काफी कंफ्यूजन है। इसे जानकार आप अपने कंफ्यूजन क्लियर कर सकते हैं। आज हम कोर्ट के ऐसे ही एक फैसले के बारे में बता रहे हैं जो दिल्ली हाई कोर्ट ने पिता की संपत्ति को लेकर सुनाया था।बात दे कि कोई भी संपत्ति जो पिता ने खुद बनाई है, उस पर कानूनीतौर से बेटी या बेटी का अधिकार नहीं होता।

हालांकि हाईकोर्ट एडवोकेट संजय मेहरा का कहना है कि ऐसे में बच्चे पिता की इच्छा के बिना कोई भी संपत्ति पर अपना दावा नहीं जता सकता है जोकि एक बड़ा फैसला हैं अब यदि पिता ने खुद कोई संपत्ति बनाई है तो उसे बच्चों को देना है या नहीं, यह फैसला सिर्फ पिता ही ले सकते हैं।

सिर्फ पुस्तैनी सम्पति में मिलेगा हिस्सा

जो संपत्ति पूर्वजों द्वारा बनाई जाती है उस संपत्ति में बेटा या बेटी अपना हक जता सकता है। लेकिन यदि पिता ने खुद कोई संपत्ति बनाई है तो उसे बच्चों को देना है या नहीं, यह फैसला सिर्फ पिता ही ले सकते हैं। यदि पिता अपनी संपत्ति किसी के नाम नहीं करते और उनकी मृत्यु हो जाती है तो ऐसे केस में वैध उत्तराधिकारियों के बीच संपत्ति का बंटवारा किया जाता है। इसमें लड़का हो या लड़की दोनों को ही संपत्ति में हिस्सेदारी का बराबर हक मिलता है।

हाईकोर्ट ने ख़ारिज किया था दावा

आप को बता कि ऐसे केस में पिता अपनी संपत्ति किसी के भी नाम कर सकते हैं। हिंदु उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पिता संपत्ति का जिस तरह से बंटवारा करके जाते हैं संपत्ति उत्तराधिकारियों के बीच उसी तरह से बांटी जाती है। दिल्ली हाईकोर्ट इस तरह के एक मामले में पैरेंट्स के पक्ष में फैसला सुना चुका है। बेटे ने पिता की संपत्ति पर हक जताया था, जिसे हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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