आधार कार्ड मुद्दे पे सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला, जानिए क्या होगा अब
सुप्रीम कोर्ट ने आधार को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का समय आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। जिसकी सीमा 31 मार्च तक है। इस कल्याणकारी योजनाओं के जरिए विभिन्न योजनाओं को पैसा भारत सरकार के खजाने से सीधे हितग्राही के खाते में जमा कराया जाता है।जो लोग इस कल्याणकारी योजनाओं से आधार को नहीं जुड़वाएंगे वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को आधार से मोबाइल फोन नंबरों व बैंक खातों को जोड़ने की समय सीमा 31 मार्च से अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया है। शीर्ष कोर्ट ने सरकार को विभिन्न योजनाओं का पैसा प्राप्त करने के लिए 12 अंकों का आधार नंबर उनसे जोड़ने का इजाजत दे दिया था। इसके बाद यह समय सीमा 31 मार्च से एक याचिका दायर कर कल्याण योजनाओं को बढ़ाने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने नामंजूर किया आग्रह
पांच सदस्यीय संविधान पीठ से मंगलवार को यह आग्रह किया गया। लेकिन कोर्ट से उसे नामंजूर मिला। इससे पहले यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने पावर प्रेजेंटेशन पूरा किया। उन्होंने दावा के साथ कहा कि आधार में दर्ज डेटा को अनकोड करने के लिए किसी व्यक्ति को अरबों साल लग सकते है।
बढ़ाई गयी थी समय सीमा
पहले यह तारीख 31 मार्च थी। फिर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आधार नंबर को पैन (स्थायी खाता संख्या) से लिंक करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी है। सीबीडीटी ने समय सीमा चौथी बार बढ़ाई है। देश मे पांच मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक करीब 33 करोड़ पैन कार्ड धारकों में से 16.65 करोड़ को आधार से लिंक कराया गया है|