सुप्रीम कोर्ट पहुंचा आरक्षण का मामला, आरक्षण बढ़ाने वाला कानून रद्द करने के फैसले को दी है चुनौती
पटना हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों में आरक्षण संशोधन अधिनियम, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में) आरक्षण संशोधन अधिनियम, 2023 को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को अनुमति दे दी थी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा। दरअसल, याचिका में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमे बिहार में मौजूदा सरकार के द्वारा शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक नौकरियों में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के फैसले को खारिज कर दिया था।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने 20 जून 2024 को बिहार सरकार की ओर से शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक नौकरियों में आरक्षण प्रतिशत को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के फैसले को खारिज कर दिया था, जिसके बाद बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
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