फेक न्यूज़ को लेकर तो सरकार खुद है आरोपी, फिर दुसरो को लेकर इतना बवाल क्यों

फेक न्यूज़ को लेकर तो सरकार खुद है आरोपी, फिर दुसरो को लेकर इतना बवाल क्यों

फेक न्यूज़ पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज़ भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश के बाद वापस हो गई हो लेकिन अभी भी इस मामले को लेकर हर तरफ सरकार की किरकिरी जारी है। आपको बता दे कि कुछ दिन पहले अचानक से भाजपा के 13 केंद्रीय मंत्रियो ने एक वेबसाइट की एक लिंक ट्वीट की जिसमें चार बड़े खबरों के फेक न्यूज़ होने का दावा किया गया है। इन मंत्रियो में एम जे अकबर और स्मृति ईरानी का नाम भी शामिल है।

आपको बता दे कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फ़ेक न्यूज़ को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए थे। जिसके अनुसार पहली बार फ़ेक न्यूज़ चलाने पर पत्रकार की मान्यता 6 महीने के लिए, दूसरी बार एक साल और तीसरी बार फेक न्यूज़ चलाने पर हमेशा के लिए मान्यता रद्द हो सकती थी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि, अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिये निलंबित की जायेगी और दूसरी बार ऐसा करते पाये जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिये निलंबित की जायेगी। इसके अनुसार, तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जायेगी।

शेयर की गयी वेबसाइट भी है शंका के घेरे में

जिस वेबसाइट को मोदी सरकार के 13 मंत्री ट्वीट करते है और लोगो से अपील करते है कि फेक न्यूज़ के खिलाफ आवाज़ उठाये, अब उसके बारे में क्या कहा जाये, जी हाँ दो दिनों तक मीडिया में इतनी चर्चा होने के बाद भी ये पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर ये वेबसाइट कहा से चलती है और इसे कौन चलाता है और सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर सरकार के 13 मंत्रियो को एकसाथ ट्वीट करने के लिए ये लिंक मिला कहा से इसका भी कोई ठोस जवाब नहीं मिल पा रहा है।

जिस वेबसाइट thetruepicture.in को सरकार के मंत्री शेयर कर रहे है वह भी सवालो के घेरे में है क्योंकि जब जांच की गयी तो पता चला की इस डोमेन का रजिस्ट्रेशन पिछले साल ही किया गया है और इसमें जो लैंडलाइन नंबर दिया गया है, वह  ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन का नंबर है। ब्लू क्राफ्ट फाउंडेशन प्रधानमंत्री ने जो किताब लिखी है एग्ज़ाम वॉरियर उसका पार्टनर है, हलाकि ब्लू क्राफ्ट का कहना है कि वह इस तरह की कोई वेबसाइट नहीं चलाते।

फेक न्यूज़ को लेकर खुद पीएम मोदी पे लग चुके है आरोप

एकतरफ सरकार जहा फेक न्यूज़ को लेकर इतना सख्त रुख अपनाने को तैयार है, वही दूसरे ओर खुद उसके मंत्री और नेतागण सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ शेयर करते हुए पाए गए है, आखिर सरकार साबित क्या करना चाहती है कि नियम कानून केवल सामान्य लोगो पर लागू किये जायेंगे। इस मामले में खुद प्रधानमंत्री मोदी का भी ट्रैक रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं है, क्योंकि गुजरात चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर के घर की बैठक को लेकर उन्होंने खुद एक फेक न्यूज़ रचा था, जिसको लेकर बाद में अरुण जेटली को राज्यसभा में माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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