जौनपुर विद्युत स्पर्शाघात से मरनेवालों के परिवार को नहीं मिला मुआवजा
जौनपुर: ऐसी काफी घटनाएं होती है जो कि होती तो बार – बार है पर उनका होता कुछ भी नहीं है। पिछले पांच सालों में करेंट लगने से 12 लोगों की मृत्यु हुई है। पर किसी में मुआवजा नहीं मिल पाया। इन मामलों की जांच तक नहीं हो पाई है। वर्षों से पीड़ित मुआवजे पाने के लिए चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं।
हम आपको बताते चले कि साल 2014 में रामपुरनद्दी निवासिनी गीता देवी, वर्ष 2016 में पचवल की समुनरा देवी, बराई के बुझावन, घाटमपुर की राजमनि सरोज, ऊदपुरघाटमपुर के राजेंद्र हरिजन, चकबेसहुदासमाफी के प्रसिद्घ नरायण मिश्र, लवायन निवासी मुकेश कुमार चौरसिया, धरमपुर के विरेंद्र यादव, वर्ष 2017 में उटरु खुर्द के जुबेर अहमद, लखमीपुर की चमेला देवी, वर्ष 2018 में रधुनाथपुर निवासी राजेश कुमार, बदलापुर के शुभम गुप्ता की मौत हुई थी।
पर मुआवजे की बात करे तो इनमें से किसी को भी मुआवज नहीं मिल पाया है। उपखंड अधिकारी विद्युत के स्तर पर इसमें से ज़्यादातर मामलो की जांच लंबित है। सिर्फ इतना ही नहीं कई सारे मामले विद्युत सुरक्षा निदेशालय व न्यायालय की वजह से भी लंबित हुए हैं। मरने वालों के परिवारवाले मुआवजा नहीं मिलने को लेकर अनगिनत बार विभाग का चक्कर पर चक्कर लगाने पर मजबूर हैं। वही दूसरी तरफ एके मिश्रा अधीक्षण अभियंता का कहना है कि हर मामले की जांच – पड़ताल चल रही है। साथ ही बताया कि रिपोर्ट आने के बाद विद्युत स्पर्शाघात द्वारा मरने वालों का मुआवजा रिपोर्ट आने के बाद दे दिया जाएगा वा जल्द जांचकर एसडीओ को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।