5 जून का चंद्रग्रहण एक उपछाया ग्रहण, 21 जून को लगेगा वास्तविक ग्रहण
वाराणसी। साल 2020 में कुल मिलाकर 6 ग्रहण के संयोग बने है। जिनमें 4 ग्रहण ऐसे हैं जिनका प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसे ग्रहणों को उपछाया ग्रहण कहा जाता है। इस वर्ष वास्तविक 2 ग्रहण होंगे जिनमे पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण के रूप में 21 जून को पड़ेगा और दूसरा ग्रहण आगामी 14 जनवरी को।
5 जून को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भी एक उपछाया ग्रहण है जिन्हे सनातन धर्म और शास्त्रों में मान्यता नहीं दी गयी है। उपछाया ग्रहण होने के कारण इसका सूतक भी नहीं लगेगा।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागध्यक्ष डॉ विनय पांडेय ने बताया कि भारतीय ज्योतिष और सनातन धर्म के अनुसार 21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण प्रभावकारी होगा।
इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही लग जायेगा। इसमें बालक, वृद्ध जैसे लोगों को छोड़कर सभी को ग्रहण काल में खान पान वर्जित होता है।
डॉ विनय पांडेय ने बताया कि किसी भी ग्रहण का प्रभाव तब तक रहता है जब तक दूसरा ग्रहण न लग जाय इसलिए 21 जून को होने वाला ग्रहण कोरोना की गति को रोकने वाला हो सकता है, क्योंकि इस ग्रहण का फलादेश सुख और समृद्धि देने वाला है।
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