पशु तस्करों के वायरल ऑडियो क्लिप ने खोल दी है पुलिस की पोल
वाराणसी: इंस्पेक्टर विश्वजीत प्रताप सिंह जो कि मिर्जामुराद थाने के थानाध्यक्ष रहे है एवं यहीं पर तैनात रहे सिपाही हैदर को पशु तस्करों से मिलीभगत के आरोप में विभागीय जांच उनको लाइन हाजिर करते हुए भले ही प्रारंभ कर दी गई है परन्तु जिले में इसने अपना पांव भर मजबूत से फैला लिया हैं। वाराणसी पुलिस की कार्यशैली ने व्हाट्स ऐप पर वायरल हुए ऑडियो क्लिप की वजह से कई प्रश्न चिह्न लगा दिए हैं।
अधिकारियों तक को नहीं हो पाती इसकी खबर
वहीं महकमे से संबंधित विश्वसनीय सूत्रों की माने तो पशु तस्करी का अवैध धंधा पुलिस की मिलीभगत के चलते बहुत सारी बंदिशों के बाद भी बढ़ता ही जा रहा है। इस नेटवर्क की जड़े इतनी मजबूत है कि जिला, रेंज एवं जोन स्तरीय अधिकारियों को इसकी खबर नहीं हो पाती। व्हाट्स ऐप पर जो ऑडियो क्लिप वायरल हुई है उससे तो सिर्फ एक इंस्पेक्टर एवं सिपाही ही प्रश्नों के घेर में आ पाया है। अगर इस मामले की पूरी तरह से जांच होती है तो तमाम पुलिसकर्मी भी सवालिया निशान पर होंगे।
इंस्पेक्टर व एक सिपाही को भी किया लाइन हाजिर
सोमवार की देर रात एसएसपी ने दो ट्रक जो कि मवेशियों से भरे हुए थे उनको छोड़ने के लिए पशु तस्करों से की जा रही सौदेबाजी की ऑडियो क्लिप व्हाट्स ऐप पर वायरल होने के बाद इंस्पेक्टर मिर्जामुराद सहित एक सिपाही को भी लाइन हाजिर कर दिया था। साथ ही दोनों के विरुद्ध विभागीय जांच भी प्रारम्भ करा दी गई है।
ऑडियो क्लिप हुई है वायरल
सूत्रों की माने तो जिन पशु तस्करों से बातचीत की ऑडियो क्लिप वायरल हुई है उनमें से एक अधिकारी को एक लाख रुपये हर महीने देने के नाम पर लिया जाता था। सिर्फ इतना ही नहीं यह भी कहते हुए पाया गया कि अगर हमारा तबादला होता है तो तुम सब का भी काम खराब हो जाएगा।
तबादला रुकवाने के नाम पर लिए पांच लाख
तस्करों से पांच लाख रुपये इस प्रकार तबादला रुकवाने के नाम पर लिए गए थे। सीओ कैंट एएसपी अनिल कुमार फिलहाल मामले के संबंध में जांच – पड़ताल कर रहे हैं। इन सबके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि एसएसपी के पास जांच रिपोर्ट आएगी और फिर बहुत सारे चौंका कर रख देने वाले खुलासे भी सामने आएंगे एवं अन्य पुलिसकर्मी भी कार्रवाई की जद में आएंगे।