काशी कॉरिडोर की प्लेटफार्म युक्त सीढ़ियाँ ले जाएंगी गंगा तट तक
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र में प्रस्तावित कारीडोर बाबा दरबार से गंगा तट तक प्लेटफार्म युक्त सीढि़यों के जरिए ले जाएगा। पिछले माह बनारस आए पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रगति का डिजिटली ब्योरा देखने के साथ ही इसका स्थलीय निरीक्षण भी किया था। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से मणिकर्णिकाघाट तक 500 मीटर में विस्तारित इस विशेष गलियारे को विशिष्ट आकार दिया जाएगा। कंपनी ने बुधवार को पूरे क्षेत्र की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवाई। इस काम को करने के लिए आधा दर्जन कर्मियों को लगाया गया है जिन्होंने पूरे क्षेत्र को विभिन्न तरीकों से कैमरे में कैद किया।
एचसीपी ने पेश की रुपरेखा
प्राथमिक रूपरेखा प्रस्तुतीकरण में अहमदाबाद की कंपनी एचसीपी ने इस योजना को सामने रखा था। इसे शासन को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। इसके आने के बाद ही कॉन्ट्रैक्ट शुरू होगा और कार्य आगे बढ़ेगा। हालांकि कंपनी ने इसका इंतजार किए बिना आधारभूत चीजें जुटाने के उद्देश्य से सर्वे से संबंधित गतिविधियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए कर्मचारियों को भी लगा दिया गया है। इस तत्परता के पीछे कारण यह कि विशिष्ट क्षेत्र प्रशासन की ओर से नवंबर में ही कारीडोर निर्माण का शिलान्यास कराया जाना है। इससे पहले इसकी रूपरेखा को पूरी तरह आकार देकर इससे जुड़े सभी बिंदुओं को अंतिम रूप दे देना है ताकि तद्नुरूप ही निर्माण कंपनी के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जा सके।
फरवरी तक का है लक्ष्य
आला अधिकारियों ने सात अक्टूबर को कंपनी चयन के बाद कार्य तेज हो जाने का भरोसा दिया था। फिलहाल, दिसंबर तक दस फीसद और फरवरी तक 25 फीसद कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य है। सीएम-पीएम से जुड़े अहम प्रोजेक्ट को लेकर तत्परता को देखते हुए रूपरेखा पर विचार-विमर्श के लिए विशिष्ट क्षेत्र सीईओ को लखनऊ बुला लिया गया है। माना जा रहा है रूपरेखा में आमूलचूल संशोधन के साथ हरी झंडी दी जाएगी। स्वीकृति पत्र गुरुवार तक आने की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद अनुबंध के साथ ही कंपनी के वास्तुकारों समेत विशेषज्ञ बनारस में डेरा डाल देंगे।