केंद्र सरकार द्वारा सारनाथ में खुलेगा अनुसंधान केंद्र, मदद के लिए दिये 46 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार द्वारा सारनाथ में खुलेगा अनुसंधान केंद्र, मदद के लिए दिये 46 करोड़ रुपये

वाराणसी। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेश शर्मा ने गुरुवार को केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान के 15वें दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोघित कर रहे थे। उन्होंने केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान (सारनाथ) में प्राचीन तिब्बती चिकित्सा पद्धति ‘सोवा रिग्पा’ का अनुसंधान केंद्र खोलने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यही नहीं अनुसंधान केंद्र के लिए 46 करोड़ रुपये देने की घोषणा गुरुवार को दी। उन्होंने आशा जताई कि यहा से डिग्री लेने वाले छात्र तिब्बती राजदूत बनकर देश दुनिया में करुणा, मैत्री व दया का संदेश फैलाएंगे।

तिब्बती संस्कृति विलुप्ति के कगार पर

डा. महेश शर्मा ने कहा कि तिब्बती संस्कृति विलुप्त हो रही थी लेकिन संस्थान ने तिब्बती संस्कृति को विलुप्त होने से बचा लिया। भारत की धरती ने सिद्धार्थ को भगवान बुद्ध बना दिया। दुनिया में भगवान बुद्ध के आठ स्मरण स्थल हैं। लुंबिनी को छोड़कर शेष छह स्थल भारत की धरती से जुड़े हुए हैं। इसी प्रकार इसी भारत की धरती में मोहन दास करमचंद को महात्मा गाधी, वल्लभ भाई पटेल को सरदार पटेल बनाया। उन्होंने कहा की आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। भारत अपनी इसी भूमि के चलते विश्व गुरु बनने के लिए अग्रसर है।

वाराणसी तेजी से कर रहा है विकास

वाराणसी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी तेजी से विकास कर रहा है। वर्तमान में बाबतपुर एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन चुका है। यहा से प्रतिदिन 35 फ्लाइट आते हैं। यात्रियों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। इसका लाभ केंद्रीय संस्थान को भी मिलेगा। समारोह में इस दौरान तीन विभूतियों को डिलीट (वकपति) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। वर्ष 2012 से 2018 तक के 612 उत्तीर्ण छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

Related articles