BHU Sir Sunderlal Hospital के पूर्व एमएस सहित तीन पर दर्ज केस की जांच करेंगे सीओ भेलूपुर
वाराणसी: लंका थाने में BHU Sir Sunderlal Hospital के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक प्रो. यूएस द्विवेदी, संकाय प्रमुख प्रो. मांडवी सिंह और डॉ. धर्मेंद्र जैन के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच अब सीओ भेलूपुर करेंगे। वादी अखिलेश सिंह के वकील अंशुमान त्रिपाठी की दलीलों के आधार यह आदेश विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रामअचल की अदालत ने दिया है।
लंका थाने में दर्ज कराया मुकदमा
हम आपको बता दे कि वर्ष 2013 में लंका थाने में अखिलेश सिंह ने डॉ. धर्मेंद्र जैन सहित तीन पर इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट और भारतीय दंड संहिता व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
धांधली में एमएस व संकाय प्रमुख भी शामिल
बता दे कि अखिलेश के अनुसार हृदय रोगियों का BHU Sir Sunderlal Hospital के हृदय रोग डॉक्टर डॉ. धर्मेंद्र जैन बैलून माइट्रल वाल्वोप्लास्टी तकनीक से उपचार करते है। जिसकी अनुमति बीएचयू नहीं देता है और न ही इसके लिए कोई कोड निश्चित है। ज्ञात करावा दे कि साथ ही अपनी इच्छानुसार इस उपचार का खर्च BHU Sir Sunderlal Hospital के डॉ. धर्मेंद्र वसूल करते है और वह इसके लिए सरकारी संसाधनों सहित कर्मचारियों का भी उपयोग करते हैं। इस बड़ी आर्थिक धांधली में उनके साथ संकाय प्रमुख प्रो. मांडवी सिंह और एमएस प्रो. यूएस द्विवेदी भी सम्मलित हैं।
एसआई पंकज पांडेय ने की त्रुटिपूर्ण विवेचना
वहीं कोर्ट को तथ्यों सहित साक्ष्यों के आधार पर अंशुमान त्रिपाठी अखिलेश के वकील ने बताया कि लंका थाने में तैनात रहे एसआई पंकज पांडेय ने प्रकरण की विवेचना की है और साथ ही मनमानी करते हुए अंतिम रिपोर्ट गलत तरीके से दाखिल भी कर दी। इस कारण से दाखिल अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर विवेचक द्वारा फिर से विवेचना कराई जाए। जिस पर कोर्ट ने कहा कि इस मुकदमे की विवेचना का कार्य डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को करना चाहिए था पर मुकदमे की विवेचना एसआई पंकज पांडेय द्वारा की गई। इस मुकदमे को लेकर एसआई पंकज द्वारा की गई विवेचना त्रुटिपूर्ण है, इसी वजह से अब सीओ भेलूपुर दर्ज मुकदमे की विवेचना करें।