रावण के दहन के साथ होगी बुराई पर अच्छाई की विजय
वाराणसी। नवरात्रि के दसवें दिन रावण का दहन बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दशमी के ही दिन मर्यादा पुषोत्तम भगवान श्री राम ने रावण का वध करके इस संसार को रावण के कुकर्मों से मुक्ति दिलायी थी।
पूरे देश में दशमी के दिन रावण का दहन किया जाता है और रावण के दहन को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है। रावण दहन के साथ रावण के भाई कुम्भकर्ण और रावण के पुत्र मेघनाथ के पुतलें का भी दहन किया जाता है।
पूरे देश की भांति वाराणसी के डीरेका परिसर में रावण दहन की तैयारियां पूरी हो चुकी है। डीरेका में इस वर्ष 70 फिट ऊंची रावण की प्रतिमा तैयार की गयी है। पिछले एक महीने से इस प्रतिमा की तैयारी की जा रही है और काशी के मुस्लिम भाइयों के द्वारा इस प्रतिमा को तैयार किया जाता है।
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