काशी का एक ऐसा कुआं जो देता है मौत की सूचना
वाराणसी। काशी की पहचान इसकी घाटें और मंदिर ही नहीं बल्कि इसकी तंग गालियां भी हैं और इन्हीं तंग गलियों में छुपें होते हैं अनेकों रहस्य। बनारस की हर गली की अपनी कहानी और अपना रहस्य है।
ऐतिहासिक कहे, पौराणिक, अंधविश्वास या फिर मान्यता पर यहां की हर कहानी खास है और उसके पीछे का जुड़ा रहस्य भी। काशी की एक ऐसी ही एक गली में मौजूद है एक रहस्यमयी कुआं या यूं कह लें मौत का अग्रिम सूचक।
वो कुआं जो कहलाता है – मौत का आईना। बनारस के चौक वार्ड स्थित सिद्धेश्वरी देवी मंदिर प्रांगण में एक ऐसा कुआं है जिसे लोग कहते हैं कि एक कुआं मौत की अग्रिम सूचना देता है।
यूं तू इस कुएं को चंद्रकूप के नाम से जानते हैं पर मान्यता है कि इस कुएं में झाकने पर आपका प्रतिबिंब आपका अस्क इस कुएं में दिखता है तो आपकी आयू अभी लंबी है और अगर प्रतिबिंब ना दिखे तो समझ जाइए आने वाले 6 महीनों के अंदर ही आपकी मित्यु सुनिश्चित है।
इस कुएं का जिक्र काशीखण्ड के चंद्रपुराड में भी है। कहा जाता है कि इस कुएं का निर्माण खुद भगवान चंद्रमा ने किया था। मान्यता है कि दक्ष ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रदेव ने इस कुएं का निर्माण किया और वहीं पर चंद्रेश्वर शिवलिंग की स्थापना कर रुद्राभिषेक करते थे। 50 फीट गहरे इस कुएं का निर्माण मां गंगा के आगमन से भी पूर्व बताया जाता है।
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