Dev Deepawali 2019: जानिए देव दीपावली का महत्त्व, कैसे हुई इसकी शुरुआत

Dev Deepawali 2019: जानिए देव दीपावली का महत्त्व, कैसे हुई इसकी शुरुआत

वाराणसी। गंगा के किनारे अर्द्धचंद्राकार में चमकते-दमकते घाटों की कतारबद्ध श्रृंखलाएं और घाटों पर झिलमिलाते असंख्य दीयों में टिमटिमाती रोशनी की मालाएं, आकर्षक आतिशबाजी की चकाचौंध की देव दीपावली काशी का सबसे खास पर्व है।

कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस त्योहार का अलग ही महत्व है। जिसका इंतज़ार सिर्फ काशीवासियों को ही नहीं बल्कि देश विदेश से आये पर्यटकों को भी रहता है।

काशी के अर्धचन्द्राकार आकार में 84 घाट पर मनाये जाने वाली कार्तिक मास की पूर्णिमा पर ऐसा विहंगम व मनोरम दृश्य देखने को मिलता हैं जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। बनारस की देव दीपावली सिर्फ घाटों तक ही सीमित नहीं बल्कि गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इसका असंख्य दीप प्रज्जवलन के नाम रिकॉर्ड दर्ज हैं।

देव दीपावली की पौराणिक मान्यता
Dev Deepawali के लिए पौराणिक मान्यता के अनुसार कई कहानियां प्रचलित हैं, जैसे कि कार्तिक पूर्णिमा के कुछ दिन पहले देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं। जिसकी खुशी में सभी देवता स्वर्ग से उतरकर बनारस के घाटों पर दीपों का उत्सव मनाते हैं।

एक कहानी काशी के महादेव से भी जुड़ी हैं भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुर नामक दैत्य का वध किया और अपने हाथों बसाई काशी के अहंकारी राजा दिवोदास के अहंकार को नष्ट कर दिया। राक्षस के मारे जाने के बाद देवताओं ने स्वर्ग से लेकर काशी में दीप जलाकर खुशियां मनाई और देव दीपावली नाम दिया।

कैसे धारण की भव्यता
पहले Dev Deepawali इतनी व्यापक स्तर पर नहीं मनाई जाती थी। करीब 1980 के दशक में तत्कालीन काशी नरेश डॉ० विभूति नारायण सिंह ने देश की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाली पावन नगरी काशी में देव दीपावली को भव्यता के साथ मनाना शुरु किया गया था। उसके बाद से यह जनोत्सव लोकोत्सव में तब्दील हो गया है।

हर साल की भांति इस वर्ष भी देव दीपावली में अलग अलग घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसमे कि संगीत, कला और विभिन्न क्षेत्रों के लोक प्रसिद्ध कलाकार देव दीपावली के अवसर पर मौजूद रहते हैं।

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इस त्यौहार के लिए से आने वाले पर्यटकों द्वारा ठहरने के स्थान , गाड़ियां , नाव , क्रूज़ आदि की बुकिंग महीनों पहले से ही होने लगती है। Dev Deepawali 2019 का पर्व आने वाले 12 नवंबर को मनाया जायेगा।

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Adhyan Chaurasiya