सीतामढ़ी में 24 घंटे में घटती – बढ़ती बारिश से बढ़ा गंगा का जलस्तर
सीतामढ़ी, वाराणसी: बारिश जिसका की हर किसी को इंतजार था। अब जब बारिश हुई है तो गंगा के जलस्तर में मात्र 24 घंटे में ही तकरीबन पौने दो मीटर तक की भारी वृद्धि हुई है वह भी मानसूनी बारिश के ही चलते।
एक दिन में हे बदला नजारा
एक दिन पहले तक जहां रेत के टीले नजर आ रहे थे, तो सोमवार को वही पर जल का जमावड़ा नजर आने लगा। एक तरफ तो जहां बाढ़ प्रभावित जगहों के लोग अब चौकाने हो गए है वही कुछ लोगो में तेज़ी से घाटों के बढ़ने से उन लोगो में खुशी व्यापत है जो लोग घाटों का जल स्तर बढ़ा हुआ देखना चाहते थे।
नहीं हुए प्रशासनिक उपाय
हम आपको बताते चले कि इस बार मानसून जो कि 1 महीने लेट से आया है इस वजह से आषाढ़ में भी गंगा का जलस्तर बहुत कम ही रहा है। उन सबके बाद भी कोई भी प्रशासनिक उपाय बाढ़ से निपटने के लिए नहीं किए गए है।
पहले तक यह था हाल गंगा का
बरसात के उस मौसम में जब गंगा का जल स्तर उफान पर होना चाहिए था तब भी रेत के टीले नजर आते रहे। शनिवार को नवमी मेले के दिन सीतामढ़ी में गंगा का जल स्तर 65.660 मीटर रहा, रविवार को दिन में 9 सेंटीमीटर मामूली बढ़ोतरी के साथ दिन में तीन बजे जलस्तर 65.750 मीटर दर्ज किया गया था।
रुक – धम बारिश का गंगा पर असर
रविवार और सोमवार को बरसात जो की कभी धीमी तो कभी तेज़ हुई और उसका असर भी गंगा पर दिखने लगा। एक तरफ जहां रविवार रात्रि 10 बजे तक जलस्तर में 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे का इजाफा हुआ वही दूसरी तरफ यह जलस्तर घटते हुए सोमवार को चार सेमी प्रति घंटे पर आ गया।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार
सोमवार को शाम चार बजे केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जल स्तर 67.460 मीटर दर्ज किया गया। इस वजह से गंगा का जल स्तर 24 घंटे में ही कुल मिलाकर 1.710 मीटर बढ़ गया।
वैसे अभी गंगा तटीय गांवों में भी इस जल स्टार से बढ़ जैसी तो कोई समस्या नहीं है। पर जो इलाके बाढ़ प्रभावित है वहां के लोग तो अभी से ही चौकाने हो ही गए है। प्रत्येक वर्ष कोनिया क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में किसानो को बहुत नुकसान होता है पर इस समस्या के समाधान स्वरूप अभी तक कोई भी अच्छा उपाय नहीं किया जा पाया है।