राष्ट्रपति होता है देश का पहला नागरिक, जानिए आप किस नंबर पर है?

राष्ट्रपति होता है देश का पहला नागरिक, जानिए आप किस नंबर पर है?

राजनीति की गलियारों में मची खलबली के बाद आखिरकार भारत के राष्ट्रपति का चुनाव हुआ और देश के 15वें राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने जीत दर्ज की। हालांकि चुनाव से पूर्व ही उनकी जीत तय मानी जा रही थी। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था। द्रौपदी मुर्मू जीतने पर देश की पहली आदिवासी महिला है, जो सर्वोच्च सांविधानिक पद पर आसीन हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा। 
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विजय हासिल की और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को पराजित कर दिया। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्‍ट्रपति बन गई हैं। उन्हें कुल 64.03 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को 35.97 प्रतिशत वोट ही मिले। हालांकि इसके बावजूद 36 प्रतिशत वोट हासिल करने वाले यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में तीसरे सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत पाने वाले विपक्ष के उम्मीदवार बन गए हैं। 

इस जीत पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बधाई ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। खास बात है कि इसपर मुर्मू की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया भी खास रही। एक ओर जहां, सीएम बनर्जी ने नव निर्वाचित राष्ट्रपति को देश की स्थिति याद दिलाई। वहीं, मुर्मू ने भी उन्हें दीदी कहकर संबोधित किया।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति देश का पहला नागरिक होता है। भारत के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को सिटीजन की लिस्ट में पहला नंबर दिया गया है। इसके बाद देश का दूसरा व्यक्ति उपराष्ट्रपति होता है। संविधान के अनुसार देश में सिटीजन की लिस्ट में कुल 26 दर्जे तक पदों के अनुसार भारतीय नागरिक होने का नंबर बंटा हुआ है।

क्रमवार जाने –

भारत का पहला नागरिक राष्ट्रपति होता है। इसी क्रम में दूसरा नागरिक उपराष्ट्रपति होता है। जबकि तीसरे नंबर पर देश के प्रधानमंत्री होता है। किसी भी राज्य का राज्यपाल देश का चौथा नागरिक होता है, जबकि पांचवें नंबर पर देश का पूर्व राष्ट्रपति होता है। इसके अलावा देश के उप प्रधानमंत्री को भी पांचवें नागरिक की मान्यता दी गई है। देश का छठा नागरिक मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा का अध्यक्ष होता है। 
देश के सातवें नागरिक के क्रम में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत रत्न पुरस्कार विजेता आते है। भारत के आठवें नागरिक के रूप में भारत में मान्यता प्राप्त राजदूत आते है। भारत के नौवें नागरिक सुप्रीम कोर्ट के जज, यूपीएससी के चेयरमैन के साथ चीफ इलेक्शन कमिश्नर और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक होते है। भारत के दसवें नागरिक के रूप में राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन, नीति आयोग के सदस्य, डिप्टी चीफ मिनिस्टर्स, लोकसभा के डिप्टी स्पीकर और राज्यों के मंत्री आते हैं, जो खास तौर से सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों का जिम्मा संभालते है।

वहीं ग्यारहवें नागरिक के तौर पर कैबिनेट सचिव, उपराज्यपाल और अटॉर्नी जनरल  आते हैं। देश के बारहवें नागरिक के तौर पर पूर्व जनरल या उसके समकक्ष रैंक वाले कर्मचारियों के चीफ आते हैं। तेरहवें नंबर के नागरिक के तौर पर राजदूत आते हैं खास तौर से वह राजदूत जिन्हें भारत में मान्यता प्राप्त है। चौदहवें नंबर के नागरिक की श्रेणी में राज्यों के चेयरमैन और राज्य विधानसभा के स्पीकर आते है। इसके अलावा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी इसी श्रेणी में आते हैं।

पन्द्रहवें नंबर पर सभी केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री आते है। सोलहवें नंबर पर लेफ्टिनेंट जनरल या फिर उनके समकक्ष रैंक के अधिकारी आते हैं। सत्रहवें नंबर के नागरिक की श्रेणी में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष आते हैं। अट्ठारहवें नंबर पर राज्यों के कैबिनेट मंत्री, राज्य विधान मंडलों के सभापति और अध्यक्ष अपने संबंधित राज्यों के बाहर आते है। उन्नीसवें नंबर पर संघ शासित प्रदेशों के मुख्य आयुक्त, उनके संबंधित केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यों के उप मंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा के उपाध्यक्ष और मेट्रोपॉलिटन परिषद दिल्ली के उपाध्यक्ष आते है। वहीं बीसवें नंबर पर राज्य विधानसभा के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन अपने संबंधित राज्यों से बाहर आते है। 

देश के इक्कीसवें नागरिक के तौर पर देश के सांसद आते है। जबकि राज्यों के डिप्टी मिनिस्टर्स को उनके संबंधित राज्यों के बाहर बाइसवें नागरिक के रूप में दर्जा प्राप्त है। तेइसवें नागरिक के तौर पर वॉइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, आर्मी कमांडर और उनके ही रैंक के बराबर के अधिकारी होते हैं। जबकि चौबीसवें नागरिक के तौर पर उप राज्यपाल होते है और पच्चीसवें नागरिक के तौर पर भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और छब्बीसवें नागरिक भारत सरकार के संयुक्त सचिव और उसके समकक्ष रैंक के अधिकारी होते हैं।

इसके अलावा आम नागरिकों के लिए संविधान में कोई दर्जा प्राप्त नहीं है। आम नागरिक को सत्ताइसवें नागरिक के रूप में देखा जा सकता है मगर भारत के संविधान में आम नागरिकों के लिए कोई स्पष्ट संख्या निर्धारित नहीं की गई है। 

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Vikas Srivastava