बाबरी मस्जिद केस में फिर से होगी सुनवाई
आप सोच रहे होंगे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला तो आ चुका है और मंदिर निर्माण का काम भी जारी है तो फैसला कैसे नहीं आया? आपको बता दें कि यह घटना करीब 6 महीने पुरानी है, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच एक निवेदन रिट याचिका दाखिल की गई। बाबरी विध्वंस को लेकर बीजेपी की कई बड़े लोगों को इसमें आरोपी बनाया गया है। इस मामले में अब फिर से सुनवाई होगी। आपको बता दें इस मामले में फिर से सबूत पेश किए जाएंगे और फिर इस पर फैसला आएगा।
आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरा मामला
राम मंदिर आंदोलन के दौरान बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर तत्कालीन फैजाबाद जनपद के राम जन्मभूमि थाने में अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। इस मुकदमे में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं की नाम थे। हालांकि यह पूरा मामला यूपी पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था और सीबीआई कोर्ट में ही इस पूरे मामले की सुनवाई हुई थी। इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने तमाम आरोपियों को बरी कर दिया था। इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से दलील दी गई थी कि दरअसल यह राम मंदिर था और जीर्णोद्धार के लिए जर्जर मंदिर को गिराया गया था। वहीं इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से भी हिंदुओं के पक्ष में फैसला आया था और उसी के क्रम में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब ने सैयद इकलाख अहमद की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच एक रिवीजन रिट दायर की है। इसमें बाबरी विध्वंस में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी रिंतभरा, मौजूदा राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपाल दास, उमा भारती, राम मंदिर मंदिर में अगुवाई करने वाले भाजपा नेता विनय कटियार, डॉ रामविलास दास वेदांती, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मौजूदा महासचिव चंपत राय, निर्माणी अखाड़ा के महंत धर्मदास,, अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह समेत कुल 32 लोग आरोपी बनाए गए थे। मौजूदा समय में इसमें से 17 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है और अब जो आरोपी बचे हुए हैं उन को दोषी करार देने की फरियाद इस रिट याचिका में डाली गई है। इस मामले में हाजी महमूद का कहना है कि बाबरी मस्जिद को गिराया गया, यह बात तो पूरी दुनिया जानती है। इसी बात को लेकर दोबारा फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। एक बार फिर से मामले से जुड़े साक्ष्य रखे जाएंगे। आपको बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में अभियुक्तों को बरी करने के बाद इस मामले में यह एक बड़ी चुनौती साबित होगी।
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