यूपी में चलेगा एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन, घर जाकर करेंगे मरीजों का मुफ्त इलाज
वाराणसी: भारत सरकार के दिए गए आदेशों के अनुसार यूपी सरकार द्वारा तीसरे चरण में 24 फरवरी से 10 मार्च तक एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसका मकसद टीबी के मरीजों की पहचान करके उन्हें दवा उपलब्ध करना और देश को क्षय रोग से मुक्ति की ओर अग्रसर करना है।
वाराणसी जिले भर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अवधि में टीबी के मरीजों को खोजने और उनका इलाज करने के लिए 250 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां टीबी के मरीजों की संख्या होने की ज्यादा संभावना है।
आपको बता दे की टीबी एक छूत रोग है और यदि इसे प्रारंभिक अवस्था न रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, टीवी रोग को अन्य कई नामों से जाना जाता है जैसे तपेदिक क्षय रोग तथा यक्ष्मा आदि।
घर-घर जाकर करेंगे मरीजों का मुफ्त इलाज
जिले में एक्टिव केस फाइंडिंग कैम्पेन के लिए 115 टीमों को 36 पर्यवेक्षको के नेतृत्व में चिन्हित इलाकों के लगभग 90 हज़ार घरों में जाकर सवा पांच लाख लोगों की स्क्रीनिंग करनी है, तथा उनकी जांच करके उन्हें दवाएं उपलब्ध करने का कार्य करना है। जांच प्रक्रिया में उनके बलगम की जांच की जाएगी और पॉजिटिव पाए जाने पर इलाज किया जाएगा।
यदि टेस्ट में कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया है तो उसे तत्काल दवा उपलब्ध कराई जाएगी, आपको बताते चलें कि पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 14 लाख लोगों की मृत्यु टीबी से हो जाती है। जिसमें भारत में 4:8 लाख लोग शामिल है और पूरे विश्व में टीबी के मरीजों की जनसंख्या का एक चौथाई हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। भारत सरकार अपने इस कार्यक्रम द्वारा टीबी की बीमारी को 2025 तक देश से समाप्त करना चाहती है, और इसी क्रम में यह योजना चलायी जा रही है, जिसमें मरीजों की पहचान कर उन्हें मुफ्त में दवा उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।