एक ऐसा दरबार जहां लगता है सात्विक, राजसी और तामसी भोग 

एक ऐसा दरबार जहां लगता है सात्विक, राजसी और तामसी भोग 

वाराणसी। यूं तो आपने बहुत से मंदिर और वहां के पूजन विधि चर-चढ़ावे से जुड़ी बहुत सी बातें सुनी होंगी पर क्या आपने कभी सुना है कि भगवान को मांसहारी भोग स्वरूप चढ़ाया जाता है?

मंदिरों के लिए विख्यात शहर “बनारस” जिसे शिव शंकर की नगरी भी कहते है। भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी जहां आमतौर पर भक्त काशी के कोतवाल के दर्शन पूजन में व्यस्त रहते है।

यहां काशी के बीचों बीच मौजूद है एक मंदिर जहां भगवान को चढ़ता है। काशी के कोतवाल काल भैरव ने काशी की रक्षा हेतु कुल 8 चौकियां स्थापित की जिनमे से एक है, कमच्छा पर माता कामाख्या मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्तिथ बटुक भैरव मंदिर।

एक ही मंदिर के छत के नीचे भगवान यहां सात्विक ,राजसी और तामसी तीनों स्वरूपो में पूजे जाते है। कहते हैं कि काशी में अगर भैरव के दर्शन न करें तो बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूरा नहीं होता।

इस मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन पूरी ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार काशी के कोतवाल भगवान शंकर को सुबह सात्विक रूप-बटुक भैरव के रूप में टॉफी – बिस्कुट फल आदि का भोग लगा उनके इस बाल रूप को खुश कर लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते है। वहीं दोपहर में भोलेनाथ के श्रृंगार के उपरांत भगवान अपने राजसी रूप में विराजते हैं। उस समय भगवान को शाकाहारी भोज भोग स्वरूप चढ़ता है।

अंत मे तीसरा स्वरूप जोकि शाम को महाआरती के बाद अपने आलौकिक आदि भैरव रूप में आते है। इस समय भगवान के मदिरा स्नान कराया जाता है, भगवान को संध्या भोग में मांसाहारी भोजन चढ़ाया जाता है। भक्त भगवान बटुक भैरव के तामसी रूप को करी, चिकन करी ,मछली करी ,आमलेट आदि चीज़ों सहित मदिरा चढ़ाते है। 
परिसर में मौजूद हवन कुंड की अग्नि को स्वतः प्रज्वलित किया जाता है। विशेष अनुष्ठान हेतु मदिरा से खप्पड़ भी भरते है। महंत जी के अनुसार दुनिया का ये ऐसा दरबार है जहां भगवान तीनों स्वरूप में एकसाथ विराजमान है।

इस मंदिर में भगवान की दिन में कुल तीन बार आरती की जाती है, और सबसे खास बात आरती के दौरान डमरू और नगाड़े को बजाना। मान्यता है कि इस मन्दिर में पूजा और आरती के दौरान जो भी यह बजाता है उस पर बाबा की विशेष कृपा होती है। इस दरबार में आया कोई भी भक्त खाली हाथ वापस नहीं जाता। इसीलिए पूरे साल यहां भक्तों की भीड़ साफ देखने को मिलती है।

“न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।” 

Vikas Srivastava

Related articles