बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद् धार्मिक आतंकी संगठन: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए
दुनिया की बेहतरीन खुफिया एजेंसियों में शुमार अमेरिका की ‘सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी’ (सीआईए) ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल को धार्मिक आतंकी संगठन बताया है। सीआईए ने अपनी वर्ल्ड फैक्टबुक में इन दोनों संगठनों को राजनीतिक दबाव (पॉलिटिकल प्रेशर ग्रुप्स) वाले समूह में रखा है। वे वो समूह है जिनका राजनीति में सीधे तौर पर असर रहता है, लेकिन वे खुद कभी चुनाव में हिस्सा नहीं लेते। सीआईए हर साल अमेरिकी सरकार को अलग-अलग देशों की जानकारी मुहैया कराने के लिए वर्ल्ड फैक्टबुक प्रकाशित करता है।
आरएसएस/हुर्रियत कॉन्फ्रेंस भी राजनीतिक दबाव वाले समूह है
वर्ल्ड फैक्टबुक में सीआईए ने आरएसएस, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, जमियत उलेमा-ए-हिंद को भी राजनीतिक दबाव वाले समूह में रखा गया है। हालांकि, तीनों को ही अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है। जहां आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताया गया है, तो वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को अलगाववादी संगठन कहा गया है। रिपोर्ट में महमूद मदनी की जमियत उलेमा-ए-हिंद को धार्मिक संगठन बताया गया है।
दुनिया के 267 देशों की जानकारी मुहैया कराती है सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक। सीआईए हर साल 4 जून को अपनी वर्ल्ड फैक्टबुक प्रकाशित करता है। एजेंसी इसके जरिए ही अमेरिकी सरकार को अलग-अलग देशों के इतिहास, सरकार, आर्थिक स्थिति, एनर्जी, भौगोलिक स्थिति, संचार और सैन्य ताकत जैसी जानकारी उपलब्ध कराती है। सीआईए के पास इस वक्त करीब 267 देशों का डेटा मौजूद है। जानकारी के मुताबिक, सीआईए ने पहली बार ऐसा डेटा 1962 में इकट्ठा करना शुरू किया था। हालांकि, पहली बार 1975 में इसकी जानकारी सार्वजनिक की थी।
बीजेपी के पूर्व संयोजक ने बताया फेक न्यूज
बीजेपी संवाद सेल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक खेमचंद शर्मा ने सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक के दावों का खारिज करते हुए, इसे फेक न्यूज बताया। शुक्रवार को ट्वीट कर उन्होंने एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही।
सौजनय:दैनिक भास्कर