इस व्यक्ति के वजह से सलमान पहुंचे सलाखों के पीछे, कभी सलमान ने फेंक के मारी थी कुर्सी
आप को बता दे कि सलमान खान को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में जिस शख्स का हाथ है, उसके बारे में कुछ बाते जानकर हैरान हो जाएंगे। दरअसल जिस वन अधिकारी ने जेल की सलाखों के पीछे कांकाणी काले हिरण का शिकार करने पर भेजा,वह देहरादून के भारतीय वन्य जीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) से प्रशिक्षण हासिल किया।
जिससे उन्हें सलमान के केस को आगे बढ़ाने में काफी मदत मिला। सलमान को सजा मिलने के बाद तत्कालीन एसीएफ ललित बोरा की बहादुरी और लगन को डब्ल्यूआईआई के वैज्ञानिकों ने सलाम किया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ललित बोरा जिस समय देहरादून में प्रशिक्षण लेने आए वह बहुत तनाव में थे।
जानकारी के मुताबिक सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) ललित बोरा को सलमान खान के हिरण शिकार मामले की जांच 7 अक्तूबर 1998 को तत्कालीन सौंपी गई। पूरे केस को अदालत में मजबूती से पहंचाने में ललित बोरा की सबसे अहम भूमिका बताई जाती है।ललित बोरा ने मामले की गहराई से पड़ताल की है। जिससे बाद उन्होने एक जिप्सी बरामद की थी। डब्ल्यूआईआई के वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्ष 2001 में ललित बोरा जब देहरादून डब्ल्यूआईआई पहुंचे तो वह काफी तनावग्रस्त थे।
जब तनाव का कारण बने सलमान
ललित बोरा ने अपने साथियों से तनाव का कारण सलमान खान के केस को बताया था। ललित ने वर्ष 2000 से 2001 के बीच दस माह का ‘पीजी डिप्लोमा इन एडवांस वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट’ कोर्स डब्ल्यूआईआई से पूरा किया था। इस कोर्स में वन्य जीवों को बचाने की बारीकियों के अलावा उनसे जुड़े तमाम पहलुओं का गहराई से अध्ययन किया। जिसके बाद इस कोर्स से सलमान केस की जांच पड़ताल और रिपोर्ट तैयार करने में काफी मदद मिली।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीपी उनियाल ने बताया कि ललित ने डब्ल्यूआईआई में प्रशिक्षण के दौरान वन्य जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं को गहराई से जाना और उन पर अमल किया। आज भी डब्ल्यूआईआई की वेबसाइट पर एल्युमिनाई सूची में ललित बोरा का नाम 290 वें स्थान पर दर्ज है।
जांच के दौरान झेलनी पड़ी कई परेशानिया
सलमान खान के मामले की जांच के दौरान त्कालीन सहायक वन संरक्षक ललित बोरा को काफी परेशानीया झेलना पड़ा। एक बार तो पूछताछ के दौरान सलमान खान ने गुस्से में उनके ऊपर कुर्सी फेंककर मार दी थी। रिमांड के दौरान एक डीएफओ सलमान खान को सिगरेट लाकर पिलाते थे।ललित बोरा ने यह भी कहा था।