फेसबुक का यह फैसला राजनीतिक पार्टियों के लिए बनेगा सिरदर्द, जानिए क्या हैं मामला
आप को बता दे कि करीब 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स के डाटा लीक होने के बाद फेसबुक ने एक के बाद एक कई फैसले लिए हैं। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने डाटा लीक के बाद माफी भी मांगी है। उन्होने कहा कि इंसान से गलती होती है। और हर इंसान को एक मौका देना चाहिए। वहीं अब मार्क जुकरबर्ग ने शुक्रवार को दो कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी फेसबुक पोस्ट के जरिए जुकरबर्ग ने दी है।
फेसबुक ने अपने फैसले में साफ-साफ कहा है कि अगर कोई भी फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन देना चाहता है तो उसे पहले अपना वेरिफिकेशन कराना होगा। वेरिफिकेशन के दौरान विज्ञापनदाता से उसकी लोकेशन, पहचान आदि की जानकारी ली जाएगी। अगर कोई विज्ञापनदाता इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाता है तो उसका विज्ञापन किसी भी सूरत में फेसबुक पर नहीं दिखाया जाएगा। इसकी शुरुआत जल्द ही अमेरिका से होने वाली है।
फेसबुक ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों का फेसबुक पेज भी वेरिफाई कराना होगा। बड़ी राजनीतिक पार्टियों के पेज और ज्यादा लाइक्स वाले पेज का भी वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा, नहीं तो कंपनी ऐसे पेज को डिलीट कर देगी या फिर प्रमोट नहीं करेगी और फर्जी पेज पर लगाम लगाने के लिए हमने यह कदम उठाया है। इसके लिए कंपनी नए लोगों की भर्ती भी करने जा रही है।
रूस में हुए चुनावो के बाद किये गए कई बदलाव
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा,अगामी चुनावों के लिए हम सुनिश्चित करना चाहते हैं फेसबुक निष्पक्ष रहे और इन चुनावों में हमारी ओर से किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप ना हो। 2016 में रूस में हुए चुनाव के बाद हमने कई सारे बदलाव किए हैं। हमने आर्टिफिशियल टूल को भी डेवलप किया है जिसके जरिए कई फर्जी पेज और अकाउंट को हटाया गया।
बता दें कि अमेरिका की कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक के करीब 5 करोड़ यूजर्स के डाटा लीक होने के बाद से ही बवाल मचा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका के साथ-साथ भारत में भी कई चुनाव में फेसबुक डाटा का इस्तेमाल किया गया और उस डाटा के जरिए पार्टी को जीत भी मिली।