Ayodhya से पहले काशी पहुंचेगा एटा-जलेसर में तैयार हो रहा 11 क्विंटल का घंटा
वाराणसी: यदि चुनावी मौहोल बने तो ऐसे में Ayodhya की बात न की जाए भला ऐसा हो सकता है। हर बार की तरह से Ayodhya एक बार फिर से चर्चा में है। जिसके केंद्र में है राम मंदिर। हम यह सब इस वजह से बता रहे है क्योंकि एटा का जलेसर भी इस बार राम मंदिर के साथ चर्चा में है। कारण है यहां पर निर्मित होने वाले घंटे। दरअसल जलेसर के एक उद्यमी को वाराणसी के कुछ लोगों ने 11 क्विंटल का घंटा बनाने का आर्डर दिया है।
Ayodhya में चढ़ाया जाएगा यह घंटा
हम आपको बताते चले कि इस बारे में बताया तो यह जा रहा है कि Ayodhya में राम मंदिर पर यह घंटा चढ़ाया जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं यह घंटा बन जाने के बाद Ayodhya से पूर्व वाराणसी (काशी) जाएगा। घंटे को बनाने की तैयारी प्राम्भ कर दी गई है। वहीं मुख्य कारीगर दाऊदयाल ने कहा कि यह मेरा 11 क्विंटल का घंटा बनाने का प्रथम अनुभव है। अब से पूर्व आठ क्विंटल का घंटा मैं निर्मित कर चुका हूं। आगे कहा कि खुशी इस बात पर है कि इस घंटे के जरिये ही सही वह प्रभु राम के मंदिर का हिस्सा बन सकेगा। वहीं कारीगर कंचीराम ने कहा कि वैसे अभी तह बहुत सारे छोटे घंटे बनाए है पर प्रथम बार इस तरह का भारी घंटा बनाने का अवसर मिला है। हमारे हाथों द्वारा निर्मित घंटा Ayodhya पहुंचेगा यह हमारे लिए खुशी की बात है।
विकास मित्तल को मिला घंटे का आर्डर
बता दे कि उद्यमी व जलेसर नगर पंचायत के चेयरमैन विकास मित्तल जिनको 11 क्विंटल के घंटे का आर्डर मिला है ने बताया कि घंटे-घंटियों से ही एटा और जलेसर की पहचान है। इस जलेसर की ही मिट्टी ऐसी है जहां घंटा बनता है। आगे बताया कि पहली बार 11 सौ किलो का घंटा निर्मित कर रहे हैं। बनारस के लोगों द्वारा यह घंटा तैयार करावाया गया है। इस वजह से वह पहले इसे बनारस भेजेंगे, जिसके बाद वहां से इस Ayodhya पहुंचाया जाएगा। वहीं मुख्य कारीगर ने बताया कि लगभग एक माह घंटे की डाई और सांचा बनाने में ही लग जाएगा। तीन भट्टी इसके लिए बना ली गई है इस घंटे को बनाने में कम से कम एक दर्जन कारीगर लगेंगे।