भरत मिलाप में आंखे हुयी नम: देखें वीडियो 

भरत मिलाप में आंखे हुयी नम: देखें वीडियो 

वाराणसी। बुराई पर अच्छाई की विजय रावण के दहन के बाद जब श्री राम और भरत का मिलाप हुआ था तब पूरी अयोध्या रो पड़ी थी। भक्त और भगवान के मिलन की वो छटा आज भी तब जीवंत हो जाती है जब वाराणसी के सुप्रसिद्ध नाटी इमली के रामलीला प्रांगण में श्री राम और भरत का मिलन होता है। 

बरसों से चली आ रही ये प्रथा जिसमें भक्त और भगवान का मिलन होता है और भाइयों के प्रेम का सौहाद्र को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ती है जहां सभी की आंखे इस मिलन को देखकर नम हो जाती है। 

शाम को लगभग चार बजकर चालीस मिनट पर जब अस्ताचल गामी सूर्या की किरणे भरत मिलाप मैदान के एक निश्चित स्थान पर पड़ती हैं तब लगभग पांच मिनट के लिए माहौल थम सा जाता है। एक तरफभरत और शत्रुघ्न अपने भाईयों के स्वागत के लिए जमीन पर लेट गए तो दूसरी तरफ राम और लक्षमण वनवास ख़त्म करके उनकी ओर दौड़ पड़े।  

चारो भाईयों के मिलन के बाद जयकार शुरू हो गई। रवायत के अनुसार फिर चारो भाई रथ पर सवार हुए और यदुवंशी समुदाय के लोग उनके रथ को उठाकर चारो ओर घुमाये। पौराणिक प्रथा के अनुसार काशी नरेश ने भगवान के रथ खींचने वाले यदुवंशियों को उपहार स्वरूप सोने की गिन्नी दी। 

“न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।”

Vikas Srivastava